Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में पिछले एक सप्ताह से कोटा का एक बडा क्षेत्र दहशत में जी रहा था. पैंथर के यहां बार-बार आने और जानवरों पर किए जा रहे हमले से लोग परेशान हो गए थे, रात को निकलना मुश्किल हो गया था, क्योंकि ये पैंथर रात को ही निकलता था और शिकार की तलाश में रहता था. एक दिन पूर्व भी वह एक मकान की छत पर देखा गया था. उसके बाद उसने कुत्ते का शिकार किया और वापस गढ़ में चला गया.

रणथंभौर से आई वन विभाग की एक्सपर्ट टीम ने नांता महल में घुसे पैंथर को सात दिन बाद देर रात को पकड़ ही लिया. टीम ने इसे पानी के कुंड के पास ट्रेंक्यूलाइज करने के बाद पकड़कर गाड़ी से लाडपुरा रेंज पहुंचा दिया है. पैंथर पकड़े जाने के बाद नांता के लोगों ने राहत की सांस ली है. पिछले एक सप्ताह से वहां के पैंथर आने के बाद घरों के बाहर जाने से डर रहे थे.

एक ही शॉट में लग गया निशानाइससे पहले पैथर बुधवार को दिनभर रेस्क्यू नहीं हो सका. सुबह 9 बजे से रणथंभौर रैपिड रिस्पांस यूनिट की टीम अलर्ट रही. महल के आसपास के लोग चौकस रहे. महल में सुरक्षित जगह से टीम के लोग निगरानी रखे हुए थे. रात 11.45 बजे शूटर राजवीर सिंह ने इसे करीब 40-50 फीट दूर से शूट कर ट्रेंकुलाइज किया और एक ही शॉट उसे लग गया. जिसके बाद वहां से 10-15 मिनट बाद उसकी तलाश की गई और वह बेहोश हालत में मिल गया.

लोगों ने आतिशबाजी की मिठाइयां बांटीनांता क्षेत्र में हजारों की संख्या में मकान खंडहर महल के आसपास बसे हुए हैं, यहां हर व्यक्ति पैंथर की दहशत से खौफ खा रहा था. बच्चों को तो शाम होते ही घरों में कैद कर दिया जाता था. पहले अटकले लगाई जा रही थी कि ये मादा पैंथर है और संभवतः इसके शावक इसके साथ हो सकते हैं, लेकिन रात को सारी स्थिति स्पष्ट हो गई और ये पैंथर नर निकला. पैंथर के पकड़ने की सूचना के बाद क्षेत्र वासियों ने राहत की सांस ली है. इसके अलावा खुशी जाहिर करते हुए क्षेत्र में पटाखे चलाएं और मिठाइयां बांटी गई. एक दूसरे को बधाई दी गई और टीम का आभार जताया.

तीन से चार साल का है पैंथरकोटा के नाता महल में ये पहली बार 17 नवंबर की रात को नजर आया था. इसके लिए बायोलॉजिकल पार्क कोटा मंडल के अलावा सवाई माधोपुर से टीम नजर बनाए हुए थी. महल में चलने वाले दो स्कूलों को भी बंद कर दिया और अस्थाई रूप से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था. रोज रात को बाहर निकल कर शिकार कर रहा था, लेकिन इसके पकडे जाने से जहां स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली वहीं, वन विभाग भी राहत में है. स्वास्थ्य परीक्षण के बाद पैंथर को गाड़ी में रख लिया गया. इस पैंथर की उम्र 3 से 4 साल बताई जा रही है. स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इसे छोडा जाएगा.

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