Rajasthan High Court Honey Trap Case: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने प्रदेश के मंत्री को हनीट्रैप (Honey Trap) में फंसाने, मॉडल के सुसाइड (Suicide) का प्रयास करने के मामले में मुख्य आरोपी अक्षत शर्मा (Akshat Sharma) के खिलाफ दर्ज पोर्नोग्राफी के मामले में जांच कर रहे थाना अधिकारी लेखराज सियाग (Lekhraj Siyag) के विरुद्ध न्यायलय की अवमानना का नोटिस जारी किया है. अवमानना याचिका में तर्क दिया गया कि यदि किसी भी आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है तो उसे धारा 41ए का नोटिस दिया जाना आवश्यक है, लेकिन आरोपी को ऐसा कोई नोटिस नहीं दिया गया


अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए
आरोपी अक्षत शर्मा की बहन श्वेता शर्मा की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत और डॉ हिम्मत सिंह शेखावत ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका पेश कर बताया कि हनीट्रैप और मॉडल के आत्महत्या प्रयास के मामले में थाना अधिकारी दिलीप खदाव की तरफ से अनुसंधान किया जा रहा था, जिसमें अक्षत शर्मा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया. न्यायलय की तरफ से अक्षत शर्मा की जमानत स्वीकार करते हुए पुलिस कमिश्नर को ये आदेश दिया गया कि वो दिलीप खदाव के विरुद्ध जांच करें और दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. जब दिलीप खदाव को इस तथ्य की जानकारी हुई तो उसने दुर्भावना से एक और रिपोर्ट दर्ज की. 


नोटिस देना जरूरी है 
अवमानना याचिका में तर्क दिया गया कि यदि किसी भी आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है तो उसे धारा 41ए का नोटिस दिया जाना आवश्यक है, लेकिन आरोपी को ऐसा कोई नोटिस नहीं दिया गया इसलिए आरोपी की गिरफ्तारी अवैध है. उच्चतम न्यायालय द्वारा अरनेश कुमार बनाम स्टेट ऑफ बिहार में पारित निर्णय के अनुसार आरोपी को ऐसा नोटिस नहीं दिया जाना अवमानना में आता है. सुनवाई के पश्चात न्यायाधीश दिनेश मेहता ने थानाधिकारी लेखराज सियाग के विरुद्ध न्यायलय की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए आगामी सुनवाई 11 मार्च को निश्चित की है. 


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