जोधपुर में कांगो फीवर से महिला की मौत के बाद मचा हड़कंप, गांव पहुंची चिकित्सा विभाग की टीम
Jodhpur Congo Fever Case: जोधपुर जिले में कांगो फीवर का मामला सामने आया है. कांगो फीवर से पीड़ित एक महिला की मौत हो गई है. महिला पशुपालन के कामों से जुड़ी हुई थी. कांगो फीवर एक संक्रामक रोग है.
Rajasthan News: राजस्थान के दूसरे बड़े जोधपुर जिले में 5 साल बाद एक बार फिर कांगो फीवर ने दस्तक दी है. कांगो फीवर के मरीज की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. कांगो फीवर से पीड़ित महिला की अहमदाबाद में उपचार के दौरान मौत हो गई थी.
महिला की मौत के बाद आज उसकी रिपोर्ट में कांगो फीवर की पुष्टि होने के बाद उसके गांव में चिकित्सा विभाग की टीम पहुंची तो हड़कंप मच गया. चिकित्सा विभाग की ओर से मृतका का नांदड़ा कला गांव में मेडिकल टीम द्वारा परिवार के लोगों के सैंपल लिए गए.
जोधपुर ग्रामीण सीएमएचओ डॉक्टर प्रीतम सिंह ने बताया कि जोधपुर ग्रामीण जिला क्षेत्र के नांदड़ा कला गांव में एक 51 वर्षीय महिला पिछले लंबे समय से बीमार थी. 30 सितंबर को महिला की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
वहां से उसे उपचार के लिए अहमदाबाद ले जाया गया. रविवार को उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई. वहीं उसकी मौत के कारणों को जानने के लिए महिला के ब्लड सैंपल पुणे जांच के लिए भेजे गए थे. मंगलवार देर रात को महिला की रिपोर्ट आई जिसमें महिला को कांगो फीवर की पुष्टि हुई है. सीएमएचओ डॉक्टर प्रीतम सिंह ने बताया कि महिला की कांगो फीवर की रिपोर्ट आते ही मेडिकल टीम अलर्ट हो चुकी है. बुधवार को सुबह जल्दी टीमों ने नगर गांव पहुंचकर पूरे गांव का सर्वे करवाया जा रहा है. साथ ही महिला के सभी परिजनों के सैंपल लिए गए हैं.
सीएमएचओ डॉक्टर प्रीतम सिंह ने बताया कि कांगो फीवर में पीड़ित महिला की मौत हुई है. वो महिला पशुपालन के कामों से जुड़ी हुई थी. बताया जा रहा है कि पशुओं के साथ रहने से कांगो फीवर का खतरा अधिक बढ़ जाता है.
पशुओं की चमड़ी में चिपके रहने वाला हिमॉरल नामक जीव भी इस रोग को बढ़ाता है. कांगो फीवर का संक्रमण से रोगी को बुखार का एहसास होता है और उसके शरीर की मांसपेशियों में दर्द होता रहता है उसे चक्कर आते हैं. सिर दर्द करता है, आंखों में जलन और रोशनी अच्छी नहीं लगती है.
गौरतलब है कि जोधपुर में कांगो फीवर का मामला वर्ष 2019 में सामने आया था उसे समय तीन बच्चों में इस फीवर के लक्षण नजर आए थे साथ ही दो रोगियों की मौत भी हुई थी. जोधपुर में पहली बार वर्ष 2014 में कांगो फीवर के मरीज सामने आए थे अब उसके 5 साल बाद एक बार फिर कांगो फीवर ने दस्तक दी है जिसमें एक महिला की मौत हुई है.
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