राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार (25 जुलाई) सरकारी स्कूल की जर्जर बिल्डिंग की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई. इसके अलावा 20 से ज्यादा बच्चे घायल हो गए. झालावाड़ में हुई इस घटना के बाद भरतपुर से 12 किलोमीटर दूर चिकसाना के एक सरकारी उच्च प्राथमिक स्कूल की हालत भी कुछ ऐसी ही है. 

चिकसाना के सरकारी स्कूल में डर के साये में बच्चे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. बिल्डिंग जर्जर हालत में है. स्कूल के बच्चों का कहना की डर लगता है स्कूल में कि पता नहीं कब बिल्डिंग गिर जाये लेकिन मजबूरी है जर्जर कक्षाओं में बैठकर पढ़ने की. 

शिक्षक कई बार कर चुके शिकायत

जर्जर स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षकों ने बताया कि स्कूल के सभी क्लास रूम जर्जर हो चुके है. प्रिंसिपल द्वारा इसकी कई बार लिखित में इसकी शिकायत उच्च अधिकारीयों को की जा चुकी है की या तो बिल्डिंग का जीर्णोद्धार कराया जाये या फिर बच्चों को अन्य जगह शिफ्ट किया जाएं, मगर कुछ नहीं हुआ. इतना ही नहीं जर्जर स्कूल में बरसात के मौसम में जहरीले कीड़े भी अंदर आ जाते है जिनसे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को खतरा रहता है.    

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी मरम्मत की कह चुके

झालावाड़ में हुए हादसे के बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने खुद भी कहा है कि प्रदेश में हजारों की संख्या में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग की हालत जर्जर है. इनकी मरम्मत के लिए सरकार ने 200 करोड़ रूपये स्वीकृत भी किये है.

गौरतलब है कि प्रदेश के झालावाड़ में ही शुक्रवार (25 जुलाई) को पिपलोदी गांव में हादसा हो गया, जहां सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की जान चली गई, जबकि 20 से ज्यादा बच्चे घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. शिक्षा विभाग ने एक्शन लेते हुए पांच टीचर्स को सस्पेंड कर दिया है.