JEE Advanced 2022: आईआईटी मुम्बई की ओर से जेईई-एडवांस्ड 2022 का परिणाम रविवार को जारी कर दिया गया. परिणामों में एक बार फिर काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई करने की कटऑफ में गिरावट देखने को मिली है. करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष 23 आईआईटी की कुल 16598 सीटों के लिए 40712 विद्यार्थियों को काउसलिंग के लिए क्वालीफाई किया गया. इसमें 34196 छात्र एवं 6516 छात्राएं शामिल हैं. काउंसलिंग में विद्यार्थियों को क्वालीफाई करने के लिए आईआईटी जेईई के इतिहास में सबसे कम कटऑफ रखी गई. 

इस साल काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई कटऑफ ओपन की औसतन कटऑफ 15.28, विषयवार 4.40 प्रतिशत, ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस की औसतन 13.89 एवं विषयवार 4 प्रतिशत, एससी, एसटी एवं पीडब्ल्यूडी की औसतन 7.78 एवं विषयवार कटऑफ 2.20 रही यानी इस वर्ष 306 नम्बर का जेईई-एडवांस्ड का पेपर हुआ जिसमें ओपन के औसतन 55 अंक, विषयवार 05 अंक , ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस की औसतन 50 अंक एवं विषयवार 5 अंक, एससी, एसटी एवं पीडब्ल्यूडी की औसतन 28 अंक एवं विषयवार कटऑफ 3 अंक रहे, जबकि गत वर्षों में काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई करने की मिनिमम कटऑफ ओपन कैटेगिरी की औसतन कटऑफ 17.50, विषयवार 5 प्रतिशत, ओबीसी एवं एडब्ल्यूएस की औसतन 15.75 व विषयवार 4.50 प्रतिशत, एससी व एसटी एवं शारीरिक विकलांग वर्ग की औसतन 8.75 एवं विषयवार 2.50 प्रतिशत कटऑफ रही. ऐसे में करीब सामान्य एवं ओबीसी-ईडब्ल्यूएस की कटऑफ में करीब दो प्रतिशत और एससी-एसटी एवं पीडब्ल्यूडी की कटऑफ में करीब एक प्रतिशत की गिरावट आई. आईआईटी-एनआईटी काउंसलिंग आज सेआहूजा ने बताया कि आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपलआईटी एवं जीएफटीआई के कुल 114 इंजीनियरिंग संस्थानों की 620 से ज्यादा प्रोग्राम्स के लिए 12 सितम्बर से जोसा काउंसलिंग प्रारंभ होगी. इस वर्ष यह काउंसलिंग प्रक्रिया 21 अक्टूबर तक छह चरणों में संपन्न होगी. विद्यार्थियों को 12 से 21 सितम्बर तक कॉलेजज की च्वाइसेज भरने का विकल्प दिया गया है. प्रथम राउण्ड का सीट आवंटन 23 सितम्बर को जारी होगा, विद्यार्थियों को इस वर्ष सीट आवंटन के पश्चात आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड कर ऑनलाइ रिपोर्टिंग करनी होगी. ऐसे करें च्वाइस फिलिंगआहूजा ने बताया कि विद्यार्थियों को च्वाइस फिलिंग का अवसर एक बार ही दिया गया है, अत: विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें. विद्यार्थी गत वर्षों की कॉलेजों की ओपनिंग एवं क्लोजिंग रैंकों को देखते हुए कॉलेजों को चुनने के ट्रेण्ड का अनुमान लगा सकते हैं. विद्यार्थी अपनी रैंक के अनुसार गत वर्षों की क्लोजिंग रैंक से नीचे की रैंक वाले कॉलेज ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कॉलेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करे. जोसा काउंसलिंग में कॉलेजों को भरने से पूर्व अपनी प्राथमिकता के कॉलेजों की सूची कागज पर बनाकर उसका आंकलन कर ही ऑनलाइ भरें ताकि गलती होने की संभावना ना रहे. विद्यार्थियों को कॉलेज च्वाइस लॉक करने से पूर्व अवश्य पूर्ण चेक करें क्योंकि लॉक करने के उपरान्त उसमें बदलाव संभव नहीं होंगे. किस रैंक पर कौनसी आईआईटी में मिलेगी क्या ब्रांचअमित आहूजा ने बताया कि जेईई-एडवांस्ड के रिजल्ट के बाद अब विद्यार्थियों और अभिभावकों में सबसे बड़ी उत्सुकता कॉलेज और ब्रांच के चयन की है. हर विद्यार्थी अच्छी आईआईटी के साथ मनपसंद ब्रांच चाहता है. ऐसे विद्यार्थी जिनकी ऑल इंडिया रैंक अंडर-100 है, उन्हें टॉप आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कम्प्यूटर साइंस मिलने की संभावना है. विद्यार्थियों की फर्स्ट च्वाइस देखें तो आईआईटी मुम्बई सीएस ब्रांच रहती है, जो कि टॉप-60 पर क्लॉज हो जाती है. इसके बाद दूसरी प्राथमिकता दिल्ली सीएस को स्टूडेंट देते हैं. तीसरी प्राथमिकता में कानपुर और मद्रास की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को दी जाती है.

- 100 से 500 रैंक के मध्य दिल्ली, कानपुर की एमएनसी, उपरोक्त चारों आईआईटी की इलेक्ट्रीकल, खड़गपुर की सीएस मिल सकती है.

- 500 से 1000 के मध्य बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद, गुवाहाटी की सीएस, मुम्बई, दिल्ली, कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है.

- 1000 से 4000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गांधी नगर, इंदौर, रूपड़, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कम्प्यूटर साइंस एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस के अतिरिक्त अन्य ब्रांचें मैकेनिकल, कैमिकल, सिविल, एयरोस्पेस, प्रोडक्शन आदि मिलने की संभावना रहती है.

- 4000 से 8000 के मध्य रुड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, कैमिकल, मेटलर्जी एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है.

- 8000 से 12000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ-साथ पुराने सात आईआईटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किटेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है.- 12 से 15 हजार के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नई आईआईटी जैसे पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू की अन्य ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है.उपरोक्त रैंक पर आईआईटी की ब्रांच मिलने की संभावनाएं कैटेगरी अनुसार परिवर्तित होती है. साथ ही छात्राओं को दिए गए 20 प्रतिशत फी-मेल पूल कोटे से उपरोक्त आईआईटी में ब्रांच मिलने की संभावनाएं काफी पीछे की रैंक तक बन जाती है.

आहूजा ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जिनकी जेईई-एडवांस्ड आल इंडिया रैंक काफी पीछे है, उन्हें जेईई-एडवांस्ड के आधार पर आईआईपीई विशाखापट्टनम, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आईआईएसईआर, आईआईएसटी में आवेदन के विकल्प उपलब्ध हैं. इन सभी संस्थानों की आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

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