आग, धुआं और डर के बीच खाकी ने निभाया फर्ज, तीन पुलिसकर्मियों ने ICU में बचाईं कई जानें
Jaipur News: एसएमएस अस्पताल के न्यूरो ICU में आग लगी. तीन पुलिसवाले बिना डर के मरीजों को बाहर निकालकर उनकी जान बचाने में कामयाब रहे. उनकी बहादुरी काबिले तारीफ है.

राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के न्यूरो वार्ड में देर रात आग लगने से अफरा-तफरी मच गई. चारों ओर धुआं और लपटें फैल गईं. हर कोई अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था. लेकिन उसी धुएं के बीच उम्मीद की किरण बनकर ‘खाकी’ नजर आई. खाकी ने हमेशा अपने फर्ज को निभाया है, और कल देर रात भी वही तस्वीर दिखाई दी. अस्पताल में घटना के बाद मची भगदड़ के बीच एसएमएस थाने के तीन जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना फर्ज निभाया.
हर तरफ आग की लपटें और धुआं था लेकिन इन तीनों जवानों ने मरीजों और उनके परिजनों की जान बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
कई मरीजों को उन्होंने आग की लपटों के बीच वार्ड से बाहर निकाला.
देर रात न्यूरो आईसीयू में लगी आग, मच गई अफरा-तफरी
घटना एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर की है. देर रात न्यूरो आईसीयू में अचानक आग लग गई. घटना की सूचना मिलते ही अफरा-तफरी मच गई. चारों ओर धुआं फैल गया और मरीजों के बीच चीख-पुकार शुरू हो गई. हर कोई अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था. उसी समय एसएमएस थाने की पुलिस गाड़ी, जो ट्रॉमा सेंटर से महज 50 मीटर की दूरी पर थी, तुरंत मौके पर पहुंची.
तीन पुलिसकर्मी पहुंचे मौके पर, बिना डरे निभाया फर्ज
गाड़ी से कांस्टेबल वेदवीर सिंह, हरिमोहन और ललित उतरते ही हालात देख हैरान रह गए. उस समय अस्पताल के अंदर भगदड़ मच चुकी थी, हर कोई बाहर की ओर भाग रहा था. लेकिन इन तीनों पुलिसकर्मियों ने साहस दिखाते हुए उसी दिशा में दौड़ लगाई, जहां आग लगी थी. अंदर देखा तो वार्ड पूरी तरह धुएं और लपटों से घिरा हुआ था. फिर भी वर्दी का जोश कम नहीं हुआ. तीनों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लपटों के बीच प्रवेश किया.
धुएं और लपटों के बीच बचाई कई जानें
तीनों पुलिसकर्मी मेडिकल स्टाफ के साथ मिलकर मरीजों को बाहर निकालने लगे. किसी को गोद में उठाया, किसी को स्ट्रेचर पर खींचा, किसी को हाथों से पकड़कर बाहर लाया. लगातार बढ़ते धुएं से दम घुट रहा था, आंखें जल रही थीं, लेकिन उन्होंने तब तक राहत नहीं ली जब तक हर मरीज सुरक्षित बाहर नहीं पहुंच गया. शायद ट्रेनिंग में ली गई कसम याद रही होगी. फर्ज पहले, जान बाद में.
ऑक्सीजन लेवल डाउन, तीनों अस्पताल में भर्ती
सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद जब तीनों पुलिसकर्मी बाहर आए, तो खुद की हालत खराब थी. ऑक्सीजन लेवल गिर चुका था, आंखों के सामने अंधेरा छा गया था और सिर चकरा रहा था. जब होश आया तो तीनों एसएमएस अस्पताल के ही इमरजेंसी वार्ड में भर्ती थे. फिलहाल तीनों का इलाज अस्पताल में जारी है.
आठ लोगों की मौत, कई बचीं पुलिस की मुस्तैदी से
एसएमएस अस्पताल में लगी आग के चलते आठ लोगों की जान चली गई. हालांकि, अगर पुलिस की मुस्तैदी और साहस न होता, तो यह हादसा और भयावह रूप ले सकता था. वक्त रहते कार्रवाई करने से कई लोगों की जान बच गई. एक बार फिर ‘खाकी’ ने साबित किया कि फर्ज निभाने में डर की कोई जगह नहीं होती.
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Source: IOCL

























