जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार (05 अक्टूबर) की रात को आईसीयू वार्ड में आग लगने की घटना में FSL रिपोर्ट सामने आई है. FSL रिपोर्ट में बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगना बताया गया है. स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के मुताबिक FSL रिपोर्ट में आया है कि ट्रॉमा सेंटर में आग इलेक्ट्रिक शार्ट सर्किट से लगी है. उन्होंने बेतुकी दलील भी दी कि ऐसे मामले अचानक हो जाते हैं, इसमें क्या किया जा सकता है. 

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स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने शुक्रवार (10 अक्टूबर) को जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना को लेकर फिर से बेतुकी दलील पेश की. उनसे जब पूछा गया कि अगर आग बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन है? किसने लापरवाही बरती, जिस वजह से इलेक्ट्रिक वायर में शॉर्ट सर्किट हुआ? इस पर उन्होंने मामले को बेहद सामान्य बताते हुए बेतुकी दलील दी और कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और इलेक्ट्रिक वायर में आग लगती ही रहती है. 


गजेंद्र सिंह खींवसर ने अपनी दलील में सुनाया किस्सा


उन्होंने अपनी दलील को पुख्ता करने के लिए अपने घर का एक किस्सा भी सुनाया. उन्होंने बताया, ''उनके गांव के घर पर कुछ दिन पहले एक कमरा जलकर राख हो गया. उनके कमरे में लगे एयर कंडीशनर में स्पार्क हुआ और उसकी चिंगारी राइटिंग टेबल पर गिर पड़ी. इससे कुछ ही देर में पूरा कमरा जलकर राख हो गया. ऐसे मामले अचानक हो जाते हैं. इस तरह के मामले में क्या किया जा सकता है?


'आग की घटनाओं को रोकने के लिए बनाएंगे एक्शन प्लान'


हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर अस्पताल में आग लगने की घटना में किसी की ओर से लापरवाही बरती गई है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, ''जल्द ही एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. ज्यादातर मरीजों की मौत धुंए से दम घुटने से हुई है. आग ज्यादा नहीं थी क्योंकि मैं जब खुद निरीक्षण करने पहुंचा तो टेबल पर रखी प्लास्टिक के वायल सुरक्षित मौजूद थे. तार जलने से धुआं ज्यादा हो गया था.'' 


घटना से सबक के सवाल पर क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री?


उनसे जब यह पूछा गया कि इस घटना से क्या सबक लिया गया है तो वह इस पर भी कुछ ठोस बोलने से बचते रहे. उन्होंने बताया कि हमारे विभाग में राजधानी जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े 14 अस्पतालों में सेफ्टी - सिक्योरिटी और फायर प्लान की जांच CISF से कराने का फैसला किया था. 


सरकारी अस्पतालों को पूरी तरह सुरक्षित करेंगे- खींवसर


उन्होंने कहा, ''CISF की रिपोर्ट भी आ चुकी है. उस रिपोर्ट के आधार पर आगे का एक्शन प्लान तैयार करेंगे. जरूरत पड़ी तो समूचे राजस्थान के अस्पतालों में CISF से जांच और मॉनिटरिंग कराएंगे. सरकारी अस्पतालों को पूरी तरह सुरक्षित करने की कोशिश की जाएगी.''


राजस्थान में खांसी की दवा पीने के बाद बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने आज (10 अक्टूबर) को फिर से दोहराया कि किसी भी बच्चे की मौत कफ सिरप पीने की वजह से नहीं हुई है. हालांकि राज्य के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने कल प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि चार बच्चों की मौत हुई है. डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के बयानों में ही विरोधाभास है.


स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने ट्रामा सेंटर के आईसीयू वार्ड के इंचार्ज और मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. मनीष अग्रवाल को ACB द्वारा एक लाख रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए जाने पर कहा, ''इस मामले में एजेंसी अपना काम करेगी.'' उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो सालों में राज्य में 50 हजार मेडिकल स्टाफ की भर्ती की गई है. इतनी भर्ती इससे पहले कभी नहीं हुई थी.