Jaipur News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित रामानंदाचार्य संस्कृत यूनिवर्सिटी में पहला एस्ट्रो पार्क बनने जा रहा है. इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से 2.5  करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए गए हैं. यह एस्ट्रो पार्क लगभग 1 साल में बनकर तैयार हो जाएगा. 

प्रोफेसर और ज्योतिषाचार्य करेंगे शोधएस्ट्रो गार्डन में ज्योतिष और प्रोफेसर शोध कार्य करेंगे. ज्योतिष और संस्कृत के जानकारों की मानें तो नवग्रह और नक्षत्र जीवन में सहायता करते हैं इसलिए इसका असर जीवन पर अच्छा खासा होता है. इसलिए एस्ट्रो पार्क में पेड़ों की संख्या, लोकेशन  ग्रह-नक्षत्रों के हिसाब से डिजाइन की गई है.

इस एस्ट्रो पार्क में पेड़ पौधों के अलावा नौ ग्रहों के मॉडल भी तैयार किए जाने हैं. कम्प्यूटर के माध्यम से यहां आने वाले आगंतुकों को ग्रहों की लाइव लोकेश न भी दिखाई जा सकेगी. इस गार्डन के बारे में सौरमंडल की जानकारी देने के लिए 70 सीटर मोबाइल तारामंडल का निर्माण किया जाएगा. यह गार्डन वैज्ञानिक एवं उच्च तकनीक वाला होगा, जिससे सौरमंडल की जानकारी करने में आसानी होगी.

नारद पुराण के अनुसार किया जा रहा एस्ट्रो गार्डन का निर्माणइस एस्ट्रो गार्डन का निर्माण नारद पुराण के अनुसार किया जा रहा है जिसमें सूर्य मंडल के तमाम ग्रह और नक्षत्र के हिसाब से पेड़ लगाए जाएंगे, बताया जा रहा है कि पेड़ों की संख्या 36 होगी और इस एस्ट्रो गार्डन के लिए 4 एकड़ जमीन भी आवंटित कर दी गई है और उम्मीद की जा रही है कि 12 महीनों के अंदर एस्ट्रो गार्डन बनकर तैयार हो जाएगा.

एस्ट्रो गार्डन में एक वेधशाला का निर्माण भी किया जाना है जहां विद्वान 27 नक्षत्रों का भलीभांति से अध्ययन कर पाएंगे तथा सौरमंडल की प्राचीन अवधारणा से अवगत कराने के लिए यहां 45 मिनट का शो भी दिखाया जाएगा. इसमें 9 कुंड के साथ एक यज्ञशाला का निर्माण भी होना है. ब्रह्मांड की अवधारणा के बारे में जानकारी देने के लिए 1 दर्जन से अधिक ऐसे पौधे लगाए जाएंगे जो अभी तक राजस्थान में मौजूद नहीं हैं. एस्ट्रो गार्डन के निर्माण होने के चलते एस्ट्रो से जुड़े शोधकर्ताओं व ज्योतिषियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. 

यह भी पढ़ें:

Rajasthan: सतीश पूनिया की सोनिया गांधी से अपील, कहा- 'राजस्थान पर रहम करो, सीएम गहलोत का इस्तीफा पड़ा है तो स्वीकार करो'

Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज और स्कूल बस की हुई टक्कर, 22 बच्चे गंभीर रूप से घायल, एक की मौत