Rajasthan Politics: राजस्थान में एक बार से फिर सियासी माहौल गर्माने लगा है. दरअसल, कांग्रेस के लाडनूं से विधायक मुकेश भाकर ने फिर एक बार सीएलपी बैठक की मांग कर दी है. उनका कहना है एक बार बैठक होनी चाहिए क्योंकि अभी 6 महीने बाद में हमें चुनाव में जाना है.
मुकेश भाकर का कहना है कि अगर हम लोगों ने बगावत की थी तो हमने अपने पद गंवाएं हैं. सचिन पायलट डिप्टी सीएम थे उनकी कुर्सी गई और उन्हें अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा. लेकिन वहीं अब जब 25 सितंबर को जो हुआ उसके बदले में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जबकि यहां पर आलाकमान को चुनौती दी गई है. एक ही पार्टी में दो तरह को चीजें होंगी तो उसका संदेश गलत जाएगा. भाकर ने कहा कि हमने आलाकमान या गांधी परिवार के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा था. मुकेश भाकर के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहा है.
क्यों उठी है मांग? कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का कहना है पार्टी के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाला कोई कितना ही बड़ा क्यों न हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि, आलाकमान और कांग्रेस पार्टी चुनौती दी गई और चुनौती देने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए. अगर हमें पार्टी को मजबूत करना है तो उन नेताओं पर एक्शन होना चाहिए, उन्होंने विधायकों के इस्तीफे दिलवाए और जिन्होंने 25 सितंबर की घटना को अंजाम दिया है.
'प्रिय या अतिप्रिय नहीं होना चाहिए' विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि हम मिलकर काम करेंगे तो प्रिय या अतिप्रिय नहीं होना चाहिए. जिन्हें नोटिस मिला है उनपर कार्रवाई होनी है. भाकर ने कहा कि 2013 का बजट बहुत अच्छा था लेकिन परिणाम क्या हुआ? सभी ने देखा है. परिणाम अच्छा आए इसलिए पार्टी में सब पर समान रूप से ध्यान दिया जाए. जिन्होंने अनुशासनहीनता की है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए तभी जाकर चीजें सही होंगी.
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