राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 17 साल पहले 71 लोगों की मौत हुई थी. इससे जुड़े जिंदा बम मिलने के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

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इस दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया, जिसमें सरकार ने कोर्ट को बताया कि दोषियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. जयपुर बम ब्लास्ट मामले की विशेष अदालत ने दोषियों को उम्र केद की सजा दी है और इस फैसले को सही ठहराया है.

मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी

आपको बता दें कि जयपुर बम ब्लास्ट मामले की विशेष अदालत ने इसी मामले में 8 अप्रैल को चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इस सजा को चुनौती देते हुए दो आरोपी, शाहबाज हुसैन और सरवर आजमी, ने हाईकोर्ट में अपील दायर की.

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अपील में उनकी ओर से यह दलील दी गई कि सीरियल बम ब्लास्ट मामले में हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था और यह मामला उसी केस से जुड़ा है. ऐसे में इस मामले में सजा का कोई आधार नहीं है. मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी.

17 साल पहले हुई इस दुखद घटना को लोग आज भी नहीं भूल पाए

साल 2008 में राजधानी जयपुर में लगातार आठ धमाके हुए थे, जिसमें 71 लोगों की जान चली गई थी. इस दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में विशेष अदालत ने 8 अप्रैल को चार आतंकियों सैफूर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 

पुलिस ने इस मामले में कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया था. तीन आरोपी अब भी फरार हैं, जबकि दो हैदराबाद और दिल्ली की जेलों में बंद हैं. बाकी दो लोग दिल्ली के बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए थे. 17 साल पहले हुई इस दुखद घटना को लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं.