गुजरात के बाद पतंगबाजी का सबसे ज्यादा क्रेज राजस्थान में देखने को मिलता है. खासकर जयपुर में नए साल की शुरुआत से लेकर मकर संक्रांति तक पतंगबाजी को उत्सव के तौर पर आयोजित किया जाता है. इन दो हफ्तों में यहां तकरीबन हर घर से पतंग उड़ती है. कारोबारी कई महीने पहले से ही पतंगे तैयार कर इन्हें स्टॉक करने लगते हैं. हालांकि पिंक सिटी जयपुर के लोग इस बार नए साल से लेकर मकर संक्रांति तक पतंग नहीं उड़ा सकेंगे. यहां पतंगबाजी पर बंदिश लगा दी गई है. जयपुर पुलिस के फैसले से पतंग के शौकीन जहां मायूस है. वही कारोबारियों को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है.

Continues below advertisement

दरअसल, सेना दिवस का आयोजन इस पर पिंक सिटी जयपुर शहर में किए जाने का फैसला किया गया है. इस मौके पर जहां सेना की भव्य परेड होगी, वहीं इंडियन एयर फोर्स के जहाज हवा में उड़ान भरते हुए देश की ताकत का प्रदर्शन भी करेंगे. 

5 किलोमीटर के दायरे में पतंगबाजी पूरी तरह बंद

जानकारी के अनुसार, सेना दिवस परेड का रिहर्सल 2 जनवरी से जयपुर में शुरू हो जाएगा. सेना की तैयारियों में किसी तरह का खलन ना पैदा हो, इसे लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने दो से 14 जनवरी तक कार्यक्रम स्थल से 5 किलोमीटर के दायरे में दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक पतंगबाजी पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है. 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर पूरे दिन प्रतिबंध रहेगा. आमतौर पर पतंगबाजी का समय दोपहर से शाम तक ही होता है. ठंड के मौसम में शाम पांच बजे के बाद धीरे-धीरे अंधेरा होने लगता है. जयपुर पुलिस की तरफ से चेतावनी भी दी गई है कि अगर किसी ने इस आदेश का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Continues below advertisement

पतंगबाजी पर पाबंदी से कारोबारियों को होगा नुकसान

पुलिस के इस फैसले को लेकर पतंग के कारोबारी खासे मायूस है. कारोबारियों का कहना है कि जयपुर में इसी दौरान जमकर पतंगबाजी होती है. पतंग की दुकानों पर खरीददारों की इतनी भीड़ उमड़ती है कि पैर रखने तक की जगह नहीं होती. कारोबारियों का कहना है कि पीक सीजन को जानकर उन्होंने महीनों पहले ही लाखों पतंगे तैयार कराकर उन्हें स्टॉक करा लिया था. इस दौरान पाबंदी रहने से लोग पतंग नहीं खरीदेंगे और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. कारोबारियों के मुताबिक प्रशासन को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए.

पाबंदी के बाद पतंग के शौकीन नजर आए मायूस

जहां एक तरफ कारोबारी परेशान हैं तो वहीं दूसरी तरफ पतंग के शौकीन भी मायूस नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि छुट्टियों के इस सीजन में तकरीबन दो हफ्ते के पीरियड को वह एक उत्सव के तौर पर मनाते हैं. इस दौरान परिवार, रिश्तेदार, पड़ोसी और दोस्त इकट्ठे होते हैं. जमकर मौज मस्ती की जाती है और परंपराओं का पालन किया जाता है. मामला सेना से जुड़ा हुआ है, लिहाजा वह इस फैसले का सम्मान तो करेंगे लेकिन उनके लिए यह रंग में भंग पड़ने की तरह है. क्योंकि जयपुर के लोगों को इस मौके का पूरे साल इंतजार रहता है. 

ये भी पढ़िए- 'कब कहां मेरी हत्या हो जाए..., मेरी जान को खतरा', तेज प्रताप यादव ने सम्राट चौधरी को लिखा पत्र