Jaipur Airport: जयपुर एयरपोर्ट (Jaipur Airport) रनवे का नाम बदल गया है. जिसका नाम अब  9-27 की जगह 8-26 हो गया है. डीजीसीए (DGCA) के मानकों के अनुरूप किए गए बदलाव से विमान पायलटों को लैंडिंग और टेक ऑफ में प्रिसाइज एक्युरेसी मिलेगी. दरअसल, पृथ्वी के मैग्नेटिक बियरिंग में बदलाव के चलते यह कदम उठाया गया है. एयरपोर्ट पर यह बदलाव कई दशक के बाद लागू हुआ है.


जानकारी के अनुसार, किसी भी एयरपोर्ट के रनवे का नामकरण उसकी नॉर्थ पोल से स्थिति को देखते हुए जारी किया जाता है. पिछले करीब पांच दशक से जयपुर एयरपोर्ट के रनवे का नाम 9-27 चल रहा था, लेकिन पिछले कुछ समय में पृथ्वी के मैग्नेटिक बियरिंग में बदलाव के चलते रनवे के कोण में आंशिक रूप से बदलाव देखा गया है. इसी कारण एयरपोर्ट के रनवे का नाम अब 9-27 से बदलकर 8-26 कर दिया गया है. इस नए नामकरण से एयरपोर्ट पर विमान संचालन में अधिक एक्युरेसी उपलब्ध होगी.


अभी कैसा है जयपुर का रनवे 
जयपुर एयरपोर्ट का रनवे वर्तमान में 3407 मीटर यानी करीब 11178 फीट लम्बा है. यहां कैटेगरी ई यानी बोइंग 777 जैसे विशाल जम्बोजेट विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ कराया जा सकता है.  एयरपोर्ट के विशेषज्ञों के अनुसार चार से पाच दशक में पृथ्वी की मैग्नेटिक बियरिंग में आंशिक बदलाव होता हैं. पहले जयपुर एयरपोर्ट का रनवे नॉर्थ पोल से 90-270 डिग्री पर था. हालांकि, एग्जैक्ट देखा जाए तो यह यह 80-260 डिग्री के निकट है. इसके चलते रनवे का नामकरण 8-26 किया गया है. इससे विमान के पायलटों को रनवे कॉर्डिनेट्स की एक्युरेट जानकारी मिलती है.


चीफ एयरपोर्ट ऑफिसर विष्णु मोहन झा, एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रभारी अधिकारी चरण सिंह, सीआईएसएफ के कमांडेंट नरपत सिंह सहित कई अधिकारियों के सामने एयर साइड सेफ्टी मैनुअल भी जारी किया गया, जिसमें एयर साइड में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सुरक्षा मानक तय किए गए हैं. एयरपोर्ट रनवे पर पहले से इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम लगा हुआ है और इसमें लोकलाइजर और ग्लाइड पाथ जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगे हुए हैं, जिससे अत्यधिक एक्युरेसी के साथ विमानों की लैंडिंग औऱ उनको-टेक ऑफ कराया जाता है. 


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