CPA Conference In Udaipur: राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत का उदयपुर में चल रहा दो दीवसीय 9वां सम्मेलन समाप्त हो गया है. इसमें सीपीए को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उसके पुनर्गठन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. सम्मेलन के समापन सत्र को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) भी पहुंचे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा "आज भारत विश्व में निवेश की पसंदीदा जगह है. हम विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सांसद और विधायकों को कुछ विशेषाधिकार मिलते हैं, जिनका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए."


उन्होंने लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती और जनप्रतिनिधियों की दक्षता में वृद्धि करते हुए उन्हें जवाबदेह बनाने की दिशा में सीपीए के प्रयासों की सराहना भी की. यहां का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद  उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम पहुंचे और वहां सांस्कृतिक कार्यक्र में शामिल हुए. साथ ही उन्होंने नाथद्वारा मंदिर में भी दर्शन किया. वहीं सीपीए सम्मेलन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि सदन में जनप्रतिनिधियों को शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए. सदन की गरिमा बनी रहनी चाहिए. क्योंकि गरिमा का अवमूल्यन हो रहा है. 


एक राष्ट्र एक विधायी मंच लागू हो: ओम बिरला
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में सीपीए काफी अच्छा कार्य कर रहा है और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष भी निरंतर सीपीए के प्रयासों को सफल बनाने में जुटे हुए हैं. वहीं कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यदि हम अपने देश को विकास और समृद्धि के पथ पर ले जाना चाहते हैं, तो हमें वर्तमान समय की प्रासंगिकता और आवश्यकताओं के अनुरूप अप्रचलित कानूनों के स्थान पर नए कानून लाने होंगे. हम कानूनों में आवश्यक परिवर्तन करके उन्हें पारदर्शी और जवाबदेह शासन व्यवस्था के साथ लोगों के जीवन में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन करते हुए विकसित भारत की ओर आगे बढ़ेंगे. बिरला ने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि ‘एक राष्ट्र एक विधायी मंच’ को लागू किया जाए और विधायकों का क्षमता निर्माण भी किया जाए, जिससे न केवल विधानमंडलों की प्रभावशीलता और प्रभावकारिता में सुधार होगा. बल्कि विधानमंडलों और जनता के बीच की दूरी भी कम होगी. 


सीपीए के भारत में अब होंगे 9 जोन
बिरला ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में 23 राज्यों के पीठासीन अधिकारियों, विधान परिषद अध्यक्ष, राज्यसभा-लोकसभा सदस्यों ने भाग लिया. बिरला ने बताया कि भारत को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सीपीए का पुनर्गठन किया जाएगा. पूर्व में यह 4 जोन में काम करता था. अब इसके 9 जोन बनाए जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने हर विधानसभा को पेपरलैस बनाने, डिजिटल का उपयोग करते हुए विधानमंडलों को प्रभावी बनाने, जनता तक पहुंच सुनिश्चित करने, जनप्रतिनिधियों की राष्ट्र को समृद्ध बनाने में भूमिका सुनिश्चित करने के लिए विचार-संवाद के माध्यम से क्षमता बढ़ाने और सदन की गरिमा कायम रखने पर भी जोर दिया. 


विधानमंडलों की नियम और कानून बनाने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए सिविल सोसायटी, राजनीति में रूचि रखने वालों, विद्यार्थियों और विषय विशेषज्ञों को विधानमंडलों की कार्यवाही दिखाने और उनकी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में भी काम होगा. लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सीपीए इंडिया का केंद्रीय कार्यालय संसद भवन में स्थापित किया जाएगा. सभी जोन में प्रभावी ढंग से सीपीए की मूल भावना के अनुरूप कार्य सुनिश्चित करने के लिए विधानमंडल अध्यक्षों की कमेटी भी बनाई जाएगी. 


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