Indian Railway: देश में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार की ओर से बस और ट्रेन (Train) का संचालन बंद कर दिया गया था. वहीं कोरोना मामलों में कमी आने के बाद रेलवे की तरफ से कुछ स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया था, जिनका किराया भी स्पेशल ही वसूला जा रहा था, जो अभी भी जारी है. स्पेशल ट्रेन का किराया एक्सप्रेस ट्रेन से 30 प्रतिशत तक अधिक वसूला जाता है. रिजर्वेशन चार्ज अलग से देना होता है.
कोरोना काल के बाद अब हालात सामान्य होने के बाद रेलवे सेवाएं भी सामान्य हो गई हैं. रेलवे विभाग की ओर से रेल गाड़ियों में अब जनरल डिब्बे भी लगा दिए गए हैं. रेलवे स्टेशन पर जनरल टिकट भी मिलने लगा है, लेकिन पहले से महंगाई की मार झेल रहे गरीब रेल यात्रियों से जनरल टिकिट पर वसूला जाने वाला किराया जनरल नहीं हुआ है. पैसेंजर ट्रेन में हर दिन सफर करने वाले छात्र-छात्राएं और कारोबारियों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है. पैसेंजर ट्रेन में सफर करने पर यात्रियों को आज भी एक्सप्रेस ट्रेन का किराया चुकाना पड़ता है.
हर दिन पैसेंजर ट्रेन में सफर करते हैं इतने यात्री
जानकारी के अनुसार भरतपुर से चार पैसेंजर ट्रेन गुजरती है. हर दिन इन पैसेंजर ट्रेनों में लगभग 1,000 यात्री सफर करते हैं. पैसेंजर ट्रेन का किराया जहां पहले 10 रुपये था, अब रेलवे विभाग उसके 30 रुपये वसूल कर रहा है. साथ ही बच्चों के टिकट पर भी पैसे बढ़ा दिए हैं. रेलवे विभाग की तरफ से एक जुलाई से जनरल टिकट तो चालू कर दिए गए हैं, लेकिन जनरल किराया अभी लागू नहीं किया गया है.
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इन पैसेंजर ट्रेनों को किया गया एक्सप्रेस
भारतीय रेलवे ने भरतपुर से गुजरने वाली जिन चार ट्रेनों को पैसेंजर से एक्सप्रेस किया है, उनमे ईदगाह-बांदीकुई, मथुरा-रतलाम, भरतपुर-कासगंज के साथ एक और दूसरे ट्रेन को पैसेंजर से एक्सप्रेस का दर्जा दिया गया है. पहले यह ट्रेनें पैसेंजर हुआ करती थीं और हर छोटे बड़े स्टेशनों पर ठहराव हुआ करता था. अब इन ट्रेनों को पैसेंजर से एक्सप्रेस बना दिया गया है . इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को एक्सप्रेस का किराया चुकाना पड़ रहा है , लेकिन इन ट्रेनों के ठहराव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है . पहले पैसेंजर के रूप में जिन स्टेशनों पर ठहराव हुआ करता था, आज भी उन सभी स्टेशनों पर रुकती है.
इतने बढ़े टिकट के दाम
भरतपुर से पहले 10 रुपये लगते थे, अब 30 रुपये लगते हैं. भरतपुर से मथुरा के पहले 10 रुपये लगते थे, अब 30/40 रुपये लगते हैं. भरतपुर से टूंडला के पहले 20 रुपये लगते थे, अब 45/60 रुपये लगते हैं. भरतपुर से बयाना के पहले 10 रुपये लगते थे, जो अब 30 रुपये लगते हैं. भरतपुर से आगरा के पहले 15 रुपये लगते थे, अब 35 रुपये लगते हैं. भरतपुर के कैलादेवी झील का वाड़ा के 10 रुपये लगते थे, अब 30 रुपये लगते हैं. कुल मिलाकर रेलवे विभाग की ओर से जनरल डिब्बे तो ट्रेन में लगा दिए गए हैं, लेकिन किराया जनरल नहीं किया गया है.