Jaipur News: राजस्थान के विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव पर लगी रोक के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सरकार की ओर से छात्रसंघ चुनावों पर लगाई गई रोक के बाद वकील शांतनु पारीक ने यह जनहित याचिका हाइकोर्ट में दायर की थी. सरकार ने नई शिक्षा नीति-2020 लागू करने और विश्वविद्यालयों में चल रही एडमिशन और रिजल्ट की प्रक्रिया का हवाला देते हुए इस साल छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दी थी. 


क्या कहा है हाई कोर्ट ने


दरअसल याचिकाकर्ता की ओर से याचिका वापस लेने के बाद उसे खारिज कर दिया गया.हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह के खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा जनहित याचिका लगाने का उनका अधिकार क्या है. यह पब्लिक इंटरेस्ट पिटीशन नहीं पब्लिकेशन इंटरेस्ट पिटीशन है.आप याचिका वापस लें या हम इसे हर्जाने के साथ खारिज कर देंगे.इसके बाद याचिकाकर्ता से अपनी याचिका वापस ले ली.


वकील शांतनु पारीक ने इस संबंध में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में छात्रसंघ चुनाव को छात्रों का अधिकार बताते हुए उस पर लगी रोक को हटाने की मांग की गई थी. आपको बता दें कि छात्र संघ चुनाव को लेकर पिछले शनिवार को उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक बैठक हुई थी.इस बैठक में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने नई शिक्षा नीति-2020 लागू करने के साथ ही विश्वविद्यालय में चल रही एडमिशन और रिजल्ट प्रक्रिया का हवाला देकर छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाने की बात पर सहमति जताई थी. इसके बाद सर्वसम्मति से इस साल छात्रं संघ के चुनाव नहीं कराने का फैसला किया गया.


 सरकार के फैसले का विरोध 


छात्रसंघ चुनाव पर रोक की खबर आने के बाद ही छात्र इसके खिलाफ हो गए थे.छात्र संगठनों और नेताओं ने सरकार के इस कदम को लोकतंत्र विरोधी और छात्रों के अधिकारों का हनन बताया था. छात्र इसके खिलाफ पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरे हुए हैं. 


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