देशभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जोर-शोर से चल रहा है. बिहार के बाद अब 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में यह अभियान अपने दूसरे चरण में है. इसी बीच भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने जानकारी दी है कि राजस्थान ने एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) के डिजिटलाइजेशन में पूरे देश में पहला स्थान हासिल कर लिया है.

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47.5 करोड़ से ज्यादा फॉर्म हुए डिजिटल

ईसीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में 47.5 करोड़ से ज्यादा यानी 93% एन्यूमरेशन फॉर्म का डिजिटलाइजेशन पूरा किया जा चुका है. यह बड़ी उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे मतदाता सूची को और सटीक, पारदर्शी और अपडेटेड बनाया जा रहा है.

एसआईआर अभियान के तहत 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सत्यापन कार्यक्रम में अब तक 99.83% यानी 50.88 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं तक ईएफ फॉर्म पहुंच चुके हैं. इसका मतलब है कि लगभग हर घर तक सत्यापन की प्रक्रिया पहुंच चुकी है.

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राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि राज्य में कुल 5.46 करोड़ गणना प्रपत्रों में से 5.43 करोड़ से ज्यादा फॉर्म ईसीआई-नेट पर अपलोड कर दिए गए हैं. यह 99.5% से अधिक काम है और वह भी निर्धारित समय से पहले. इससे साबित होता है कि राज्य में टीमवर्क, तकनीक और फील्ड लेवल काम के बीच बेहतरीन तालमेल रहा है.

मतदाता मानचित्रण में भी राजस्थान सबसे आगे

राजस्थान ने सिर्फ डिजिटलीकरण में ही नहीं, बल्कि मतदाता मानचित्रण में भी शानदार प्रदर्शन किया है. राज्य में 95% से ज्यादा मानचित्रण पूरा हो चुका है. 9 विधानसभा क्षेत्र कपासन, बायतु, सलूंबर, लोहावट, नगर, सीकरी, ओसियां, शाहपुरा और बामनवास ने 99% से ज्यादा मानचित्रण कर दिखाया है.

कपासन सबसे आगे है, जहां 2.73 लाख मतदाताओं में से 99.46% का मानचित्रण पूरा कर लिया गया है. अब यहां केवल करीब 1,500 लोगों को ही दस्तावेज जमा करवाने हैं.

मतदाता मानचित्रण पूरा होने से मतदाताओं को कई तरह की सुविधा मिलेगी. न सिर्फ सटीकता बढ़ेगी, बल्कि बिना अतिरिक्त कागजी कार्रवाई के मतदाता सूची सत्यापन और सेवाओं में तेजी आएगी. यह उपलब्धि 46,000 बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की मेहनत का नतीजा है.

कई जिलों ने हासिल किया 100% डिजिटलाइजेशन

राजस्थान के बाड़मेर, सलूंबर, बालोतरा, झालावाड़, फलौदी, भरतपुर, चूरू, दौसा और बारां जिलों ने 100% डिजिटलाइजेशन कर देश में मिसाल पेश की है. इन जिलों का प्रदर्शन बताता है कि टेक्नोलॉजी और जमीनी स्तर का काम जब साथ चलता है तो शानदार नतीजे मिलते हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि एसआईआर सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह ईमानदारी, पारदर्शिता और सटीकता के साथ निभाई जाने वाली सामूहिक जिम्मेदारी है. राजस्थान का यह प्रदर्शन देश में अधिक सटीक, पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत मतदाता सूची तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.