RAS Exam 2024: राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस यानी RAS 2024 की मुख्य परीक्षा मंगलवार से विवादों के साये के बीच शुरू हो गई है. दो दिनों तक आयोजित होने वाली परीक्षा का आज पहला दिन था. मुख्य परीक्षा जयपुर और अजमेर के 77 केंद्रों पर आयोजित हो रही है. राजधानी जयपुर के गांधीनगर इलाके के एक केंद्र पर महिला अभ्यर्थी के पास से मोबाइल फोन बरामद होने पर जमकर हंगामा हुआ. यहां मामला इतना बिगड़ गया कि अलग से पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी.
अभ्यर्थियों का क्या है आरोप?
शहीद लेफ्टिनेंट अभय पारीक राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गांधीनगर केंद्र पर एक महिला अभ्यर्थी मेटल डिटेक्टर के सिक्योरिटी लेयर को पार कर परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन के साथ दाखिल हो गई थी. महिला पुलिस कर्मियों की तलाशी में सेकंड लेयर पर उसके पास से मोबाइल फोन बराबर हुआ. इस पर बाकी अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया. बाकी अभ्यर्थियों का कहना था कि यह पुलिस कर्मियों की मिलीभगत की वजह से हुआ है.
अभ्यर्थियों का आरोप था कि मेटल डिटेक्टर वाली पहले लेयर की सिक्योरिटी से वह कैसे मोबाइल फोन लेकर केंद्र के अंदर दाखिल हो गई. बहरहाल इस महिला अभ्यर्थी को परीक्षा देने से रोक दिया गया था. स्थानीय थाने की पुलिस भी केंद्र पर आ गई है. बाकी अभ्यर्थियों को सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजामों के बीच पहले दिन सेंटर्स पर एंट्री दी गई. अभ्यर्थियों को तीन लेयर की सिक्योरिटी चेक करने के बाद ही एक्जाम रूम में जाने दिया गया. मेटल डिटेक्टर चेकिंग के बाद ही अभ्यर्थियों को अंदर जाने दिया गया.
परीक्षा को लेकर सियासी हंगामा
1096 पदों पर भर्ती के लिए मुख्य परीक्षा में 21440 अभ्यर्थियों को शामिल होना है. यह परीक्षा जयपुर और अजमेर के 77 केंद्रों पर हो रही है. दोनों दिन दो- दो पालियों में परीक्षा हो रही है. यह परीक्षा विवादों के साये के बीच हो रही है. राजस्थान के दोनों डिप्टी सीएम के साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और तकरीबन 50 के करीब सांसदों व विधायकों ने सीएम भजनलाल शर्मा को चिट्ठी भेज कर परीक्षा को कुछ दिनों के लिए स्थगित किए जाने की सिफारिश की थी. अभ्यर्थियों ने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन और हंगामा किया था. मंत्रियों के घरों का घेराव किया था.
अभ्यर्थियों की दलील थी कि पिछले साल यानी 2023 की भर्ती अभी पूरी नहीं हो पाई और उसका इंटरव्यू चल रहा है. ऐसे में मुख्य परीक्षा को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर देना चाहिए. एक दलील यह भी दी गई थी कि ऑपरेशन सिंदूर की वजह से कई फौजी बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे हैं और उन्हें छुट्टी नहीं मिल पा रही है. बहरहाल दो दिनों तक चलने वाली मुख्य परीक्षा को निष्पक्ष और शांतिपूर्वक ढंग से बिना किसी विवाद के संपन्न कराना राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन के लिए बड़ी चुनौती है.