बूंदी (Bundi) से बीजेपी विधायक अशोक डोगरा  (BJP MLA Ashok Dogra) और पूर्व सभापति महावीर मोदी (Mahaveer Modi) के बीच ठन गई है. दोनों के बीच की तनातनी शहर में चर्चा का विषय बन गई है. विधायक अशोक डोगरा ने नगर परिषद (Nagar Parishad) में सरकारी राशि और पद के दुरुपयोग का एसीबी (ACB) में बीजेपी के तत्कालीन सभापति महावीर मोदी सहित 11 नामजद लोगों पर मामला दर्ज करवाया है. आरोपियों में नगर परिषद के अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार पर  शामिल हैं.


नगर परिषद के कार्यों में करोड़ों रुपए का घोटाला


11 लोगों पर नगर परिषद के कार्यों में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप है. बूंदी विधायक अशोक डोगरा के एसीबी मुख्यालय को दिए परिवाद में बताया गया है कि वर्ष 2015 से 2020 तक महावीर मोदी बूंदी नगर परिषद के सभापति रहते टेंडर प्रक्रिया, अमृत योजना, सीवरेज लाइन और ठेकेदारों के सीसी रोड, कचरा पात्र क्रय, कचरा संग्रहण एवं शौचालय संबंधित अन्य कई कार्यों में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया. आगे कहा गया कि पद का दुरुपयोग करके भी ठेकेदारों को टेंडर जारी कर दिए. 5 अप्रैल 2022 को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मुख्यालय ने बूंदी चौकी से मामले की रिपोर्ट मांगी. बूंदी एसीबी सीआई ताराचंद की जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए.  


महावीर मोदी समेत 11 लोग बनाए गए नामजद 


मामले में एसीबी मुख्यालय ने 11 नामजद आरोपी तत्कालीन नगर परिषद सभापति महावीर मोदी, तत्कालीन आयुक्त दीपक नागर, तत्कालीन आयुक्त पंकज मंगल, सहायक अभियंता अरुणेश शर्मा, कनिष्ठ अभियंता जोधराज मीणा, सहायक अभियंता विनोद कुमार, अधीक्षण अभियंता प्रेमशंकर, अधिशासी अभियंता बृजमोहन सिंघल, कनिष्ठ लिपिक मुकेश परमार, लिपिक जितेंद्र मीणा और ठेकेदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है. सहायक अभियंता अरुनेष शर्मा, लिपिक जितेंद्र मीणा वर्तमान में बूंदी नगर परिषद में ही कार्यरत हैं जबकि मुकेश कुमार परमार केशोरायपाटन नगर पालिका में तैनात हैं. 11 आरोपियों में से तत्कालीन आयुक्त पंकज मंगल एसीबी से ट्रैप होकर जेल की हवा खा चुके हैं और निलंबित चल रहे हैं.  


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नगर परिषद के पूर्व सभापति ने बताया साजिश


बीजेपी के तत्कालीन सभापति महावीर मोदी ने आरोपों पर सपाई दी है. उन्होंने कहा कि मुझे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. भ्रष्टाचार जैसी कोई बात नहीं है. पूर्व में भी एसीबी से जांच हो चुकी है. राजनीतिक दबाव के चलते विधायक मेरे साथ 10 सरकारी कर्मचारियों को झूठे मामले में फंसा रहे हैं. अनियमितता हो सकती है, लेकिन भ्रष्टाचार जैसे आरोप बेबुनियाद हैं. मेरे सभापति रहते बीजेपी से विधायक हुआ करते थे. तब भ्रष्टाचार जैसे कोई आरोप हम पर नहीं लगाए. लेकिन अब आरोप लगाकर एसीबी में परिवाद रिपोर्ट दर्ज करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते ही हुआ है. मेरे कार्यकाल में नगर परिषद के अधिकतर विकास कार्यों के फीते विधायक महोदय से ही कटवाए गए हैं.  


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