Rajasthan Politics: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों ने तरह -तरह के जतन शुरू किए हैं.कहीं दंडवत देव दर्शन तो कहीं युवाओं के लिए क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. भरतपुर संभाग के सवाई माधोपुर से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने देव दर्शन यात्रा शुरू की है. वहीं कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता अपने खर्चे से क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन करा रहे हैं. कुछ प्रत्याशी अभी से अपने साथ भीड़ जुटा कर गांव-गांव और गली गली जाकर जनता का आशीर्वाद मांग रहे हैं. 

कैसे निबटंगे गुटबाजी से 

प्रदेश की कांग्रेस में गुटबाजी भी थमने का नाम नहीं ले रही है. इस गुटबाजी के चलते ही संगठन के पद खली पड़े हैं. प्रदेश के कई जिलों में जिला अध्यक्ष ही नहीं है. जब आपसी गुटबाजी कम होगी तभी संगठन में नियुक्तियां होंगी. सचिन पायलट गुट के नेता सचिन की तरफ देख रहे हैं कि वो विधानसभा चुनाव को लेकर क्या निर्णय लेते हैं. कांग्रेस द्वारा नियुक्त किए गए सह प्रभारी प्रत्येक जिले में जाकर फीडबैक ले रहे हैं.प्रदेश में अक्सर सह प्रभारियों को कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है.

कांग्रेस सह प्रभारी अमृता धवन भरतपुर संभाग के दौरे पर पहुंची. संभाग में भी उनको कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिली. उन्होंने कहा यह हमारी कांग्रेस का पारिवारिक मामला है, अगर कार्यकर्ताओं की किसी बात को लेकर नाराजगी है तो मिल बैठकर सुलझा लेंगे.कांग्रेस आलाकमान हालांकि दावा कर रहा है की सचिन पायलट और अशोक गहलोत में सुलह हो गई है. दोनों मिलकर विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस को विजय बनाने के लिए चुनाव की बागडोर संभालेंगे. अभी आलाकमान ने यह नहीं बताया है कि किस फार्मूले के तहत दोनों की सुलह हुई है.  

बीजेपी में भी है गुटबाजी 

कांग्रेस के बड़े नेता सही कहते हैं कि कांग्रेस में तो सचिन पायलट और अशोक गहलोत की आपसी खींचतान है. कांग्रेस को सिर्फ दो ही आदमी का समझौता कराना है, लेकिन बीजेपी में तो बूथ लेवल से लेकर बड़े पदाधिकारी तक गुटबाजी में बंटे हुए हैं. वसुंधरा राजे समर्थक कार्यकर्ता पार्टी के कार्यक्रमों से दूर नजर आए हैं. भारत सरकार की ओर से चलाए गए खेलो इण्डिया कार्यक्रम के तहत क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारम्भ बीजेपी सांसद हेमा मालनी करने आई थीं. इस दौरान सांसद रंजीता कोली और कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं के अलावा बीजेपी का कोई भी पदाधिकारी मौजूद नहीं था. 

बीजेपी जिलाध्यक्ष ऋषि बंसल, प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा सहित भरतपुर भाजपा के पदाधिकारी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. भाजपा में भी गुटबाजी चरम सीमा पर नजर आ रही है. भरतपुर जाट बाहुल्य क्षेत्र है. जाट समाज वैसे भी बीजेपी से नाराज है. उनका कहना है कि सतीश पूनिया जाट समाज के कद्दावर नेता हैं. उनको थानेदार से हवलदार बना दिया है. 

जाटों की नाराजगी

भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाता सबसे ज्यादा लगभग 70 हजार हैं. इस बार जाट समाज के लोग मांग कर रहे हैं कि जाट समाज जाट प्रत्याशी को ही वोट करेगा. दोनों पार्टी कांग्रेस हो या बीजेपी जाट समाज का दुरूपयोग करते हैं. भरतपुर विधानसभा सीट पर दोनों प्रमुख दल कांग्रेस हो या बीजेपी जाट समाज के व्यक्ति को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है. अब जाट समाज भी इस बार उसी को वोट करेगा जो जाट को टिकट देगा.

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