राजस्थान के भीलवाड़ा में गो तस्करी के आरोप लगाते हुए भीड़ ने 32 वर्षीय युवक को मौत के घाट उतार दिया. घटना के वक्त युवक शेरू सुसादिया और उसका दोस्त मोहसिन दोनों साथ थे, लेकिन मोहसिन हमलावरों के बीच से अपनी जान बचाकर भाग निकला. वहीं हमले में शेरू सुसादिया अपनी जान गवां बैठा. शेरू सुसादिया मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के मुल्तानपुरा गांव का रहने वाला था.
दरअल, ये घटना 15 और 16 सितंबर की मध्यरात्रि की बताई जा रही है. पुलिस एफआईआर के अनुसार शेरू सुसादिया अपने साथी मोहसिन के साथ 16 सितंबर को मंदसौर से राजस्थान के भीलवाड़ा पहुंचे थे. वह लाम्बिया रायला पशु मेले में पशु खरीदने आए थे. जब पशु खरीद कर वापस मंदसौर लौट रहे थे.
जानवरों की खरीद की रसीद छीनी
बीच रास्ते में गाड़ी रोककर कर उन्होंने खाना भी खाया, लेकिन कुछ दूरी पर चलने के बाद लगा कि पीछे कोई पीछा कर रहा है थोड़ी दूर जाने के बाद भीड़ ने हमारी पिकअप को साइड लगवा दिया और मजबूरन हमें गाड़ी रोकनी पड़ी गाड़ी रोकते ही भीड़ ने हमें गो-तस्कर कहकर मारना शुरू कर दिया और जानवरों की खरीद की रसीद भी छीन ली.
मृतक शेरू सुसादिया के दोस्त मोहसिन ने कहा कि अचानक हम पर भीड़ ने हमला कर दिया मारपीट के बीच से ही में किसी तरह बचकर भाग निकला और लगातार दौड़ता रहा जंगल में छिपकर पूरी रात बैठा रहा.
मोहसिन ने कई हमलावरों को पहचाना
मोहसिन ने बताया कि मारने वालों में से कई लोग ऐसे हैं जिन्हें वह पहचानते हैं. उनमें से कुछ लोगों का तो धंधा ही यही है. पहले भी गांव के कई मुस्लिम लड़कों के साथ गो-तस्करी का आरोप लगाकर मारपीट हुई है.
शेरू सुसादिया के घरवालों से 50 हजार की डिमांड
पुलिस एफआईआर के मुताबिक मृतक शेरू सुसादिया के भाई मंजूर ने बताया की रात करीब 3:30 बजे मेरे पास फोन आया. उस तरफ से किसी ने कहा कि हमने शेरू सुसादिया को पकड़ रखा है उससे हम 36 हजार ले चुके हैं अगर तुम चाहते हो कि वह जिंदा बचे तो 50 हजार और लेकर आओ वरना उसे मार देंगे.
परिवार ने मॉब लिंचिंग का लगाया आरोप
इसी बीच सुबह तक परिवार मोहसिन से संपर्क करने की कोशिश करता रहा, लेकिन कुछ पता नहीं चला. दोपहर के वक्त पुलिस का फोन आया कि शेरू सुसादिया भीलवाड़ा अस्पताल में भर्ती है. हम वहां पहुंचे तो पता चला कि उसे जयपुर रैफर कर दिया गया है लेकिन जब तक हम जयपुर पहुंचे तो शेरू सुसादिया को जिंदा नहीं देख पाए. वहीं इस मामले को लेकर शेरू सुसादिया के परिजनों का आरोप है कि उसकी मौत मोब लिंचिंग के कारण हुई है.
5 आरोपी गिरफ्तार
घटना के बाद भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि जानकारी सामने आने के बाद मामले में एसआईटी का गठन किया गया है त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी की गई है. एसआईटी तकनीकी साक्ष्यो के आधार पर संभावित पहलुओं की जांच कर रही है.