Bharatpur News: पूर्वी राजस्थान के भरतपुर जिले में लंपि वायरस का पीक लेवल पर चल है. राजस्थान के बाड़मेर जिले से 73 किलोमीटर दूर कातरला स्थित अमृता देवी वन्यजीव संरक्षण संस्थान में 135 से अधिक हिरण है. अमृता देवी वन्यजीव संरक्षण संस्थान में हिरणो में लंपी स्किन डिजीज के लक्षण पाए गए और लगभग 25 हिरणों की मौत भी हो गई. भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में हजारों की संख्या में हिरण रहते है. बाड़मेर की घटना को देखते हुए केवलादेव नेशनल पार्क प्रशासन अलर्ट है. केवलादेव नेशनल पार्क में स्टाफ द्वारा नेशनल पार्क में रह रहे जानवरों पर नजर राखी जा रही है.
की जा रही मॉनिटरिंगकरीब 15 दिन पहले केवलादेव राष्ट्रीय में तीन गायों में लंपी स्किन डिजीज के लक्षण पाए गए थे जिन्हे तुरंत केवलादेव नेशनल पार्क से बाहर कर नगर निगम द्वारा संचालित गोशाला में अलग से आइसोलेट किया गया है. केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान के वन अधिकारी अभिमन्यु सहारण ने बताया है की लंपी वायरस भरतपुर में फैला हुआ है, लेकिन अभी यह वायरस गाय में ही देखने को मिल रहा है. नेशनल पार्क का स्टाफ पेट्रोलिंग कर रहा है. रात को गश्त करते हैं सुबह भी गश्त करते हैं. पूरी तरह से निगरानी रखे हुए हैं की केवलादेव नेशनल पार्क में चीतल में लंपी स्किन डिजीज के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत सूचना दें. इसके लिए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक से संपर्क बना रखा है. उन्होंने भी पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है .
गाय के अलावा अन्य जानवरों में नहीं लक्षणउन्होंने कहा है की अगर हिरणों में लंपी स्किन डिजीज के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी. वन अधिकारी ने बताया है की अभी तक लंपी वायरस दो तीन गाय में देखा गया था, उनको तुरंत क्वारंटाइन करके नगर निगम द्वारा चिन्हित स्थान पर पहुंचा दिया है. उसके बाद से अभी तक लंपी स्किन डिजीज का कोई भी संक्रमित जानवर नजर नहीं आया है.
अब तक इतने गोवंश हुए संक्रमितपशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गजेन्द्र सिंह चाहर ने बताया है कि भरतपुर जिले में लंपी स्किन डिजीज का पीक लेवल चल चल रहा है. भरतपुर जिले में अब तक 15190 गोवंश लंपी वायरस से संक्रमित हुआ है. पशुपालन विभाग द्वारा इलाज करने पर 6830 गोवंश ठीक हो गया है और अगर बात करें गोवंश की मौत की तो अब तक भरतपुर जिले में 915 गोवंश की मौत हो चुकी है. गोट पॉक्स वैक्सीन के मामले में भरतपुर जिला बहुत आगे है. 5 - 7 दिन में शत -प्रतिशत गोवंश को गोट पॉक्स वैक्सीन गाइडलाइन के हिसाब से लगा दी जाएगी.
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