Rajasthan News: राजस्थान का पूर्वी द्वार कहा जाने वाला भरतपुर पक्षियों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. भरतपुर केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों की नगरी में देशी विदेशी पर्यटकों का स्वागत और सत्कार के लिए तैयार है. जानकारी के अनुसार भरतपुर में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के अच्छे दिन आने वाले है और पर्यटन व्यवसाय से उनकी झोली भरने वाली है. पर्यटकों के लिए अक्टूबर से लेकर मार्च तक सीजन माना जाता है. भरतपुर की पक्षियों की नगरी में देशी विदेशी पर्यटक पक्षियों को निहारने के लिए आते है. प्रवासी पक्षी भी अक्टूबर से लेकर फरवरी मार्च तक ही केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में रुकते है.       कोरोना के कारण नहीं आ रहे पर्यटककोरोना महामारी के समय दो साल तक पर्यटकों का आना जाना कम हुआ था और विदेशी पर्यटकों के आने पर रोक भी लगी हुई थी. भरतपुर के केवलादेव उद्यान से ही पर्यटन व्यवसाय चलता है. भरतपुर के अब तक लगभग 75 प्रतिशत होटल मार्च 2023 तक बुक हो चुके है. होटल की बुकिंग से अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार अच्छी संख्या में पर्यटकों की आने की उम्मीद है.  होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि दो साल कोरोना महामारी की वजह से होटल व्यवसाय बिलकुल ठप हो गया था, लेकिन इस बार एडवांस बुकिंग से लग रहा है की सीजन अच्छा जाएगा. देशी-विदेशी पर्यटकों ने कराई एडवांस बुकिंगभरतपुर के होटल व्यवसायी उदय सिंह का कहना है कि इस बार होटल की एडवांस बुकिंग से साफ जाहिर है कि पर्यटक अच्छी संख्या में भरतपुर आएंगे भरतपुर के होटलों में देशी पर्यटकों के साथ ही अमेरिका, इंग्लैंड, स्पेनिश और यूरोप के पर्यटकों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की झोली भरेंगी. भरतपुर जिले में टीटीजेड और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की वजह से ओधौगिक इण्डस्ट्रीज नहीं है. एक कृषि और दूसरा पर्यटन व्यवसाय के सहारे ही लोग अपना जीवन यापन करते है. पर्यटन व्यवसाय से बाजार तो गुलजार होंगे ही, लेकिन पर्यटन से जुड़े होटल व्यवसाई ,नेचर गाइड ,रिक्शा चालक और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को भी फायदा होगा. दो साल कोरोना में नुकसान के बाद अब इनकी आएगी बहार.

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