Barmer News Today: फिल्मों, कहानियों में दोस्ती को लेकर कई हिस्से कहानियां मशहूर हैं. दोस्ती पर बनी कई फिल्मी गाने खूब मशहूर हैं. दोस्ती की शानदार मिसाल अक्सर वास्तविक जीवन में भी सुनने और देखने को मिलता है. इसी तरह की एक अद्भुत दोस्ती की मिसाल और सामने आई है, जिसे जानकर आपको भी दोस्ती शब्द पर गर्व होगा.
सदियों से रंगभेद और जातिवाद के जहर का कोपभाजन देखने को मिल जाता है. सियासी पार्टियां भी जातिवाद का चुनाव में खूब इस्तेमाल करती हैं. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी जातिवाद का असर देखने को मिला. खासतौर से बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट पर जातिवाद के मुद्दे पर ही चुनाव हुए.
बाड़मेर के शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी की हार जीत को लेकर सोशल मीडिया पर दावा करने वाले नखत सिंह ने अपना मुंडन करवा लिया. उसके बाद जातिवाद के जहर को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दोस्त निर्मल चौधरी ने भी ऐसा ही किया. यह दोनों विधायक रविंदर सिंह भाटी के दोस्त हैं.
भाटी के हारने पर दोस्त ने कराया मुंडनइस वैज्ञानिक युग में भी जातिवाद देश में सबसे बड़ा मुद्दा है. ऐसे में राजस्थान के दो युवाओं ने जातिवाद से हटकर दोस्ती की मिसाल कायम की है. रविंद्र सिंह भाटी के दोस्त नखत सिंह (निक्कू बन्ना) राजपूत समुदाय से आते है, जबकि निर्मल चौधरी का ताल्लुक जाट समुदाय से आते हैं. पश्चिमी राजस्थान में जाट और राजपूत समुदाय का बहुत प्रभाव है.
दरअसल, इस बार रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़े थे. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. नखत सिंह ने लोकसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर कहा था कि अगर रविंद्र सिंह भाटी चुनाव हार गए तो वह अपना सर मुंडवा लेंगे.
मुंडन की वायरल वीडियो पर यूजर्स ने क्या कहा?जब 4 जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना के बाद नतीजे सामने आए, तो रविंद्र सिंह भाटी चुनाव हार गए. जिसके बाद नखत सिंह ने अपना सिर मुंडवा लिया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ, क्योंकि नखत सिंह के इंस्टाग्राम पर 741 हजार फॉलोअर्स हैं.
मुंडन के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो के नीचे लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. कई यूजर्स ने कमेंट किया कि एक राजपूत ने राजपूत के लिए अपना सर मुंडवाया है, इस तरह के कमेंट आने के बाद निर्मल चौधरी भी सामने आए और अपना सिर मुंडवा जातिवाद को करारा जवाब दिया.
दोस्ती और भाईचारे के लिए कदम उठाने की अपीलनखत सिंह और निर्मल चौधरी का मानना है कि दोस्ती और भाईचारे के आगे जातिवाद का जहर किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. राजस्थान में जातिवाद का जहर वर्षों से पनप रहा है, लेकिन राजपूत और जाट की बेमिसाल दोस्ती ने जातिवाद का जहर फैलाने वालों कोमुंहतोड़ जवाब दिया है.
साथ ही इन्होंने संदेश दिया है कि समाज के लोगों को आगे आकर जाति से आगे बढ़कर दोस्ती और भाईचार के लिए कदम उठाना होगा. जिससे जातिवाद के जहर को खत्म किया जा सके.
जातिवाद को लेकर युवाओं में था आक्रोशलोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट पर प्रचार प्रसार के दौरान जातिवाद के चलते युवाओं में काफी आक्रोश फैल गया था. उस दौरान बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र के बुजुर्ग आगे कर लोगों से अपील की. बुजुर्गों ने चुनाव में जातिवाद के जहर को खत्म करने और इससे ऊपर निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने की अपील की.
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