Rajasthan Politics: राजस्थान के मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संदर्भ में दिए गए बयान ने शुक्रवार को न केवल विधानसभा में हलचल मचा दी बल्कि इससे राजस्थान की सियासत में चिंगारी सुलगा दी है. राजस्थान के मंत्री के इस बयान की निंदा हो रही है,इस बीच राज्य के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी इस पर भड़क उठे हैं, उन्होंने इसे लेकर बीजेपी पर सवाल खड़े कर दिए हैं, उन्होंने कहा, ''यह सब बीजेपी की स्तरहीन सोच का नतीजा है जो राज्य के विकास पर चर्चा नहीं करना चाहती''.
अशोक गहलोत ने क्या कहा?
अशोक गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा, ''ऐसा लगता है कि राजस्थान की बीजेपी सरकार विधानसभा चलाना ही नहीं चाहती है, इसलिए कभी उनके मंत्री दिवंगत प्रधानमंत्री पर तो कभी इनके विधायक दिवंगत मुख्यमंत्री पर अनर्गल टिप्पणी करते हैं''.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ''आज मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा देश के लिए शहादत देने वाली इंदिरा गांधी पर स्तरहीन टिप्पणी की है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. कुछ दिन पहले विधायक गोपाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर पर किरोड़ी लाल मीणा एवं हरीश शर्मा का एनकाउंटर करने के प्रयास का आरोप लगाया जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. यह नहीं भूलना चाहिए कि शिवचरण माथुर एक स्वतंत्रता सेनानी भी रहे थे''.
गहलोत ने कहा, ''यह सब बीजेपी की स्तरहीन सोच का नतीजा है जो राज्य के विकास पर चर्चा नहीं करना चाहती''.
'सांसदों को सस्पेंड किया जाता है'
अशोक गहलोत ने कहा, '' पहले भाजपा सरकार के एक मंत्री द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी और इस पर माफी ना मांगने पर विरोध करने वाले कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित करना, यह दिखाता है कि राजस्थान विधानसभा में भी लोकसभा और राज्यसभा जैसा तरीका अपनाया जा रहा है. जैसे वहां अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए सांसदों को सस्पेंड किया जाता है वैसे ही यहां किया गया है''.
अशोक गहलोत ने कहा, ''आखिर प्रश्नकाल में मंत्री को अपने जवाब के अलावा ऐसी टिप्पणी करने की क्या आवश्यकता थी? देश के लिए जान देने वाली नेता पर ऐसी ओछी मानसिकता से की गईं टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.ऐसा लगता है कि पूरी सरकार ही तमाशा बन गई है. सरकार के पास एक साल का कोई काम गिनाने के लिए नहीं था इसलिए अभिभाषण पर इनकी असफलताएं उजागर करने वाला नेता प्रतिपक्ष का भाषण नहीं होने दिया. अब हमारे प्रदेशाध्यक्ष सहित दलित, पिछड़े, आदिवासी एवं अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले विधायकों को बजट सत्र से सस्पेंड कर दिया गया. कहीं ये बजट पर चर्चा से ध्यान भटकाने का ही तो प्रयास नहीं है?''
बता दें कि इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ और कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था.’’
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस पर आपत्ति जताई और मंत्री से माफी मांगने एवं शब्द को कार्यवाही से हटाए जाने की मांग की. इसके बाद कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी और वे आसन के सामने आ गए. इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, ‘‘दादी सम्मानित शब्द है.’’
टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार के मंत्री की टिप्पणी लज्जाहीन एवं अमर्यादित है.’’
उन्होंने मंत्री से माफी मांगने को कहा. विधायक एवं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी एक्स पर लिखा, ‘‘इंदिरा जी का अपमान, नहीं सहेगा राजस्थान. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी पर टिप्पणी करने वाले भाजपा सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत माफी मांगे.’’
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री पटेल ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज हमारे सभी मंत्री प्रश्न का प्रभावी तरीके से जवाब दे रहे थे. प्रतिपक्ष एकदम बौखला गया. दादा, दादी, मामा, मामी- ये असंसदीय भाषा नहीं है, ये सम्मानजनक शब्द हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अगर दादी कहकर संबोधित किया जाए तो यह असंसदीय नहीं, सम्मानजनक शब्द है.’’
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