पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार (15 अक्टूबर) को जोधपुर में महात्मा गांधी अस्पताल में मंगलवार को जैसलमेर में हुए बस हादसे के घायलों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की तथा चिकित्सकों से उनके इलाज की जानकारी ली.

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परिजनों से मिलने के पश्चात गहलोत ने बताया कि परिजन परेशान हैं कि उन्हें कोई बताने वाला नहीं है कि डीएनए टेस्ट कब पूरा हो जाएगा और इस बात से वो लोग बहुत आक्रोशित हैं, वो मांग कर रहे हैं कि बॉडी दो हमारी, मालूम नहीं कौन सी बॉडी हमारी है, तो डीएनए टेस्ट से मालूम होगा वो टेस्ट जल्दी होना चाहिए ये उनकी मांग है. 

मुआवजा और प्रशासनिक बैठक

गहलोत ने बताया कि उन्होंने इस हादसे में मुआवजा जारी करने एवं परिजनों से परिवार का बेहतर संपर्क स्थापित करने के संबंध में फोन पर बात की. श्री गहलोत ने जोधपुर प्रशासन के संबंधित अधिकारियों की भी सर्किट हाउस में बैठक ली.

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इतना भीषण हादसा क्यों हुआ इसकी जांच की मांग भी पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने की है, उन्होंने कहा कि इस हादसे के कारण के बारे में अलग- अलग बातें सामने आ रही हैं तथा कहा कि अगर जांच नहीं करेंगे तो आगे और घटनाएं हो सकती हैं. सरकार को आगे आ कर के जांच करवानी चाहिए पूरी परिस्थितियों में कैसी गाड़ी कहां से आई, फिटेनस का सेर्टिफिकेट किसने दिया? ये तमाम बातें मालूम पड़नी चाहिए सरकार को भी ताकि आगे ऐसी घटना न हो. 

पीड़ितों के लिए अधिकतम मुआवजे की मांग

वहीं पीड़ितों को मुआवजे को लेकर गहलोत ने कहा अभी मुआवजे की घोषणा भी नहीं हुई है, पीएम रिलीफ फंड के दो लाख रुपए की घोषणा हुई है और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अधिक से अधिक रिलीफ पैकेज देने की मांग की  अविलंब मुख्यमंत्री को चाहिए मैक्सिमम पैकेज क्या हो सकता है , क्यंकि बस में बैठने वाले की गलती नहीं थी, इनको मैक्सिमम मुआवजा मिलना चाहिए. 

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह, बाड़मेर-जैसलमेर सासंद उम्मेदाराम बेनीवाल व कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे.