Ashok Gehlot on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने एक ओर भारतीय सेनाओं की तारीफ की तो दूसरी ओर सरकार पर सवाल उठाए.
अशोक गहलोत से सवाल किया गया कि वह ऑपरेशन सिंदूर को किस तरह से देखते हैं? सवाल के जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, "यह ऑपरेशन काफी हाईटेक था. 1965 और 1971 में जो वॉर हुआ था, उस समय रेलगाड़ी चलती थी, उनपर टैंक खडे़ कर के लाए जाते थे और बहुत अलग माहौल होता था. आर्मी मूवमेंट साफ-साफ दिखता था. इस बार ऐसा कोई आर्मी मूवमेंट देखने को नहीं मिला."
अशोक गहलोत ने की ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर ने यह संदेश दिया कि अब जमाना बदल रहा है. उसी ढंग से यह ऑपरेशन पूरा किया गया. सबसे बड़ी बात है कि भारत की तरफ से सेनाओं ने यह अच्छा काम किया कि केवल आतंकवादी अड्डों पर अटैक किया गया. कहीं पर भी नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया. पूरी दुनिया के देशों में भारत की तारीफ हुई."
'राहुल गांधी सवाल नहीं करेंगे तो कौम करेगा?'- अशोक गहलोतडोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट से संघर्ष विराम हो गया, फिर संघर्षविराम का उल्लंघन भी हो गया. उस समय अजीब स्थिति बन गई और फिर आपस में ही राजनीतिक दलों के अंदर माहौल खराब होने लग गया. सत्ता में जो भी बैठा है, उसकी जिम्मेदारी होती है कि वह विपक्ष को संतुष्ट करें. विपक्ष कोई सवाल उठाता है, तो इस बात का नेतृत्व करता है कि जनता क्या सोचती है और जनता के सवाल क्या हैं. सत्ता की ड्यूटी होती है कि विपक्ष द्वारा जनता के उठाए गए मुद्दों का जवाब दे, जिससे वह समस्या खत्म हो जाए.
अब सत्ता पक्ष वाले ये सब जान बूझकर कर रहे हैं या अनजाने में कर रहे हैं, यह वही जानते हैं. लेकिन इसमें कोई राजनीति की बात कभी रही ही नहीं है. अब राहुल गांधी सवाल नहीं करेंगे, तो जनता उनसे सवाल करेगी कि कांग्रेस विपक्ष में थी तो उसने क्या किया? मान लेते हैं कि सत्ता पक्ष ने कुछ नहीं किया, लेकिन जनता का सवाल होगा कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने क्या किया? सवाल करना तो विपक्ष का नैतिक कर्तव्य है, उसे सवाल उठाना ही चाहिए.