यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा स्वयंभू संत आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट से छह माह की अंतरिम जमानत मिली है. इसके बाद शुक्रवार (07 नवंबर) की रात उन्हें जोधपुर के प्राइवेट आरोग्यं अस्पताल से रिहा कर दिया गया. जमानत मंजूर होने के बाद जैसे ही आसाराम अस्पताल से बाहर निकला, उनके समर्थकों और भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी.

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अस्पताल से सीधे आश्रम पहुंचा आसाराम

जमानत मिलने के बाद आसाराम शुक्रवार देर रात आरोग्यं अस्पताल से सीधे जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम पहुंचा. वहां पहले से ही सैकड़ों की संख्या में भक्त और अनुयायी उनका इंतजार कर रहे थे. आसाराम के आगमन के साथ ही आश्रम में फूल-मालाओं की वर्षा शुरू हो गई. भक्तों ने पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया. इस दौरान माहौल शांतिपूर्ण रहा.

लंबे वक्त के बाद सार्वजनिक रूप से दिखा आसाराम

करीब डेढ़ साल से जोधपुर के आरोग्यं अस्पताल में इलाज करा रहा आसाराम अब स्वास्थ्य लाभ की स्थिति में बताए जा रहे हैं. रिहाई के समय वे पहले की तरह सफेद वस्त्र, पगड़ी जैसी टोपी और फूलों की माला पहने नजर आया. लंबे समय बाद वो सार्वजनिक रूप से दिखाई दिया.

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मेडिकल आधार पर आसाराम को जमानत

राजस्थान हाईकोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट दोनों ने आसाराम को स्वास्थ्य कारणों के आधार पर छह माह की अंतरिम जमानत दी है. अदालतों ने उन्हें इलाज के लिए स्वतंत्र रूप से मेडिकल सुविधा लेने की इजाजात दी है और पुलिस कस्टडी भी समाप्त कर दी गई है. सूत्रों के अनुसार, आसाराम आगे के इलाज के लिए जल्द ही अहमदाबाद जा सकता है. फिलहाल वे पाल गांव आश्रम में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं.

2018 में सुनाई गई थी आजीवन कारावास की सजा

आसाराम को वर्ष 2013 में जोधपुर पुलिस ने एक नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया था. 2018 में जोधपुर की एससी-एसटी कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. तब से वे जेल में बंद थे और पिछले कई महीनों से बीमार होने के कारण अस्पताल में भर्ती थे. फिलहाल आसाराम पाल गांव आश्रम में विश्राम कर रहे हैं, जहां डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी में लगी हुई है. अदालत के निर्देशानुसार, वे इस अवधि में किसी भी धार्मिक सभा या सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं करेंगे.