केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल जोधपुर दौरे पर पहुंचे एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया और इस दौरान उन्होंने विपक्ष व राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोल दिया . केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं पर संवैधानिक संस्थाओं को धमकाने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि विपक्ष जानबूझकर लोकतंत्र की संस्थाओं को कमजोर करने का अभियान चला रहा है.
मेघवाल ने कहा कि विपक्ष खासकर राहुल गांधी चुनाव आयोग, न्यायपालिका और अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को दबाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं. यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक परंपरा है."
संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा को लेकर हमला
केंद्रीय मंत्री ने संसद के मॉनसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदुर' पर हुई चर्चा को लेकर भी विपक्ष की नीयत पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष की मांग पर दोनों सदनों में चर्चा करवाई, लेकिन इसके बावजूद विपक्ष ने राज्यसभा में शर्मनाक व्यवहार किया.
उन्होंने कहा, "गृह मंत्री का भाषण नहीं सुनना और प्रधानमंत्री की गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाना, ये सब संसदीय मर्यादा के खिलाफ है. प्रधानमंत्री लोकसभा में अपनी बात रख चुके थे, राज्यसभा में उनकी उपस्थिति जरूरी नहीं थी. यह संविधान और परंपराओं का अपमान है."
राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया
बिहार चुनाव पर बोलते हुए कहा कि चुनाव आयोग के द्वारा देश के कई राज्यों में S.I.R. करवा चुका है. फिर भी विपक्ष इसको मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहा है.
राहुल गांधी पर तंज कसते हुए मेघवाल ने कहा,"अगर कोई व्यक्ति मर चुका है, तो क्या उसका नाम वोटर लिस्ट में होना चाहिए? इतनी सी बात भी राहुल गांधी नहीं समझ पा रहे हैं और चुनाव आयोग को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं."
मालेगांव केस में कांग्रेस पर पलटवार
मालेगांव विस्फोट मामले पर भी मेघवाल ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय में 'हिंदू आतंकवाद' का झूठा नैरेटिव गढ़ा गया, जिसका कोई आधार नहीं था. यूपीए-1 व यूपीए-2 की सरकार के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे ने इस प्रोपेगेंडा को हवा दी, जिससे देश की एकता को चोट पहुंची है.
अर्जुन राम मेघवाल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्ष लगातार सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग के आरोप लगा रहा है. अब देखना यह है कि इस राजनीतिक टकराव का क्या असर आगामी सत्रों और चुनावी माहौल पर पड़ता है.