Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट और पूर्व उपायुक्त अमृता दुहान को दबंग अधिकारी के रूप देखा जाता है. अमृता दुहान अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने में कामयाब रही हैं. आम जनता ,पीड़ित लोगों से सीधा संवाद कर जनता को राहत पहुचांने के लिए दिन रात काम करती हैं जानिए अमृता दुहान से वो पहले डॉक्टर बनी, उसके बाद UPSC सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता हासिल की. आज एक दबंग IPS हैं.

राजस्थान की पुलिस अधिकारी अमृता दुहन ने साल 2016 में UPSC एग्जाम क्लियर किया था. इस दौरान उनकी शादी हो चुकी थी और एक 2 साल का बेटा भी था. परीक्षा में सफलता हासिल करना हर पढ़े-लिखे युवा का सपना होता है, लेकिन कई बार सफलता नहीं मिलने के कारण कई कैंडिडेट्स परेशान हो जाते हैं. आज भले ही डॉ अमृता दुहन IPS अधिकारी बन गई हों, लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि जब पहली बार उन्होंने यूपीएससी एग्जाम देने का फैसला किया तो उनका बेटा हो चुका था. घर परिवार की भी जिम्मेदारी को निभाते हुए आगे बढ़ती गई. हरियाणा के रोहतक की रहने वाली अमृता दुहान ने बताया कि एमबीबीएस की महंगी पढ़ाई करना बहुत मुश्किल होता है. कुछ करने की लगन के साथ मुश्किलों को हराते हुए अमृता दुहान ने एमबीबीएस करने के बाद पैथोलॉजी में एमडी की थी. 

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भाई ने किया प्रोत्साहितएमबीबीएस करने के बाद उन्होंने बीपीएस मेडिकल कॉलेज फॉर वुमन में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी शुरू कर दी थी. इस दौरान परिवार ने उनकी शादी करने का फैसला किया था. शादी के बाद उन्हें एक बेटा हुआ, जिसका नाम 'समर' रखा, लेकिन उनका सपना बचपन से ही IPS अधिकारी बनने का था. अपने 2 साल के छोटे बेटे और परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए मंजिल का सफर तय किया.

क्या कहा अमृता दुहन ने?अमृता दुहन ने बताया कि छुट्टी पर बेटे के साथ समय बीता रही थी, उसी समय यूपीएससी एग्जाम में बैठने का फैसला किया और उनका ये फैसला सभी के लिए हैरान कर देने वाला था. क्योंकि तब तक उन्हें अच्छी खासी नौकरी मिल गई थी. उनका परिवार भी काफी खुश था. इस बीच उनके छोटे भाई ने यूपीएससी क्लियर कर चुके थे और उसने अमृता को भी अपना सपना पूरा करने के लिए प्रेरित किया. अमृता ने काम वाले दिनों में तैयारी शुरू कर दी और वह छुट्टी वाले दिन अपने बेटे और परिवार को देती थी.

जोधपुर में दे रहीं सेवाआखिरकार 2016 में वो पल आ ही गया जिसका परिवार बेसब्री से इंतजार कर रहा था. अमृता ने यूपीएससी जैसे एग्जाम में सफलता हासिल कर ली थी. उनकी कामयाबी मेहनत और लगन की मिसाल है. इसके बाद की राह भी उनके लिए आसन नहीं थी, क्योंकि उन्होंने 33 साल की उम्र में अपनी ट्रेनिंग शुरू की थी. इस दौरान वह फिजिकल एक्टिविटी भी नहीं करती थी. यही वजह थी कि ट्रेनिंग के दौरान उन्हें कई बार चोट भी लगी. अभी वह जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट पूर्व डीसीपी के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं.