Ajmer Sharif Dargah News: राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर शिव मंदिर पर दावा करने वाले मुकदमे पर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि कोई भी अदालत जा सकता है, लेकिन सुनवाई और सबूत पेश करने के बाद ही कुछ तय किया जा सकता है. कोई भी सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसी याचिका दायर कर सकता है.
सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "मोहन भागवत ने कहा था कि कब तक मस्जिद के अंदर शिव मंदिर ढूढ़ते रहोगे. संभल में जो किया गया उसका क्या नतीजा निकला? चार लोगों की जान चली गई. दो घरों में तो कमाने वाले वही थे. इसका उनको मलाल नहीं है."
वहीं कोर्ट की ओर से पक्षकार न बनाए जाने पर उन्होंने कहा, "हमारे पास हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक के वकीलों का एक पैनल हुआ है. हम उनसे सलाह लेंगे कि हमें पार्टी बनना चाहिए या सिर्फ इंतजार करना चाहिए. उसके बाद वो जो हमें कहेंगे हम करेंगे."
प्रधानमंत्री समेत ये लोग भिजवाते हैं चादरउन्होंने कहा, "यहां 1947 से प्रधानमंत्री चादर भेज रहे हैं. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और आरएसएस प्रमुख की ओर से भी यहां चादर चढ़ाई गई है. इसके अलावा सियासी पार्टियों के प्रमुख यहां चादर भेजते हैं. यहां तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की तरफ से भी चादर पेश होती है."
एक सवाल का जवाब देते हुए सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा, "यहां जितनी हिंदू आबादी है, वो रोज सुबह अपनी दुकान खोलने से पहले जब यहां से गुजरते हैं तो दरगाह की सीढ़ियों पर अपनी दुकानों की चाबी रख कर जाते हैं. महिलाएं अपने बच्चों को मस्जिद के बाहर लेकर खड़ी रहती हैं कि जो भी मस्जिद से नमाज पढ़कर जाए वो उनके बच्चे पर फूंक मारता हुआ जाए जिससे उनके बच्चे को जो बीमारी हो ठीक हो जाए."