Amritpal Singh Arrest Operation: भगोड़े अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस का सर्च अभियान जारी है. इस दौरान एक के बाद एक खुलासा हो रहे है वारिस पंजाब दे संगठन और अमृतपाल से जुड़ी कई सच्चाई बड़ी सच्चाई सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि अमृतपाल नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर पर युवाओं को गुमराह कर रहा है, उसका असल मकसद तो युवाओं को गुमराह कर अपनी एक फौज खड़ी करना था. इन नशा मुक्ति केंद्र में ना ही उसमें कोई डॉक्टर था और ना ही स्वास्थ विभाग से इस चलाने की परमिशन ली गई थी. 

‘युवाओं को बना रहा था एकेएफ का हिस्सा’अमृतपाल सिंह नशा मुक्ति केंद्र में आने वाले युवाओं को अमृतपाल आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) का हिस्सा बना रहा था. अमर उजाला द्वारा प्रकाशित एक खबर में खुलासा किया गया है. कोई भी नशा मुक्ति केंद्र जब खोला जाता है तो उसकी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से मंजूरी लेनी जरूरी होती है, लेकिन अमृतपाल ने नशा मुक्ति केंद्र खोलने के लिए ना तो स्वास्थ्य विभाग से और ना ही जिला प्रशासन से कोई अनुमति ली. ये नशा मुक्ति केंद्र अमृतपाल के गांव जल्लूपुर खेड़ा के साथ-साथ अन्य कई गांवों में चलाए जा रहे थे. नशा मुक्ति केंद्रों में नशा छुड़ाने के नाम पर युवाओं को नशीली चीजे दी जाती थी. 

समाज सुधारक वाली छवि बनाने की कोशिशनशा मुक्ति केंद्रों के माध्यम से अमृतपाल सिंह खुद को समाज सुधारक के तौर पर पेश कर रहा था. इन नशा मुक्ति केंद्रों पर अमृतपाल के फरमानों का पालन जरूरी था. अगर कोई उसके आदेशों का पालन नहीं करता था तो उसकी पिटाई की जाती थी. यानि अमृतपाल समाज सुधारक वाली छवि की आड़ में अपना मकसद पूरा कर रहा था.

पंजाब पुलिस पर उठने लगे सवालभगोड़े अमृतपाल को आज नौ दिन बीत जाने के बाद भी पंजाब पुलिस खोज नहीं पाई है. ऐसे में पंजाब पुलिस पर सवाल उठने लगे है. अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जहां एक तरफ अमृतपाल सिंह को आत्मसमर्पण करने की सलाह दी है, दूसरी तरफ अमृतपाल को ना खोज पाने पर पंजाब पुलिस की क्षमता पर सवाल उठाए है.

यह भी पढ़ें: Womens World Boxing Championship: 10 साल की जी तोड़ मेहनत ने दिलाया गोल्ड, नीतू घनघस के परिजन बोल- ‘घर-घर पैदा हो ऐसी बेटी’