Punjab News: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने कल ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त जत्थेदार के पद से हटा दिया. अकाल तख्त जत्थेदार को हटाने के फैसले पर बादल परिवार एकमत नहीं है. शिरोमणि अकाली दल ने एसजीपीसी के फैसले का विरोध किया है. आज (शनिवार, 8 मार्च) शिरोमणि अकाली दल की बैठक में बिक्रम सिंह मजीठिया, पूर्व मंत्री शरणजीत सिंह ढिल्लो, पूर्व विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल और अन्य नेता शामिल हुए. बिक्रम सिंह मजीठिया ने एसजीपीसी के फैसले का विरोध किया.

बता दें कि बिक्रम सिंह मजीठिया सुखबीर सिंह बादल के साला हैं. शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने कहा कि अकाल तख्त जत्थेदार को हटाने का फैसला सही नहीं है. उन्होंने बागी धड़े से एकता की अपील की. बता दें कि एसजीपीसी की एक्जीक्यूटिव कमेटी ने कुलदीप सिंह गडगज को अकाल तख्त का कार्यवाहक जत्थेदार नियुक्त किया है.

शिरोमणि अकाली दल ने एसजीपीसी के फैसला का किया विरोध

ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त जत्थेदार के पद से हटाने पर एसजीपीसी की सफाई आई थी. बयान में कहा गया कि बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर ज्ञानी रघबीर सिंह का नेतृत्व मार्गदर्शन करने में अपर्याप्त माना गया. ज्ञानी रघबीर सिंह को 2023 में हरप्रीत सिंह की जगह अकाल तख्त जत्थेदार की जिम्मेदारी दी गई थी. शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व से जत्थेदार रघबीर सिंह का टकराव चल रहा था.

ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त जत्थेदार के पद से हटाया गया

ज्ञानी रघबीर सिंह के नेतृत्व में सुखबीर सिंह बादल और अन्य अकाली दल नेताओं को तनखाहिया घोषित कर सजा सुनाई गई थी. सुखबीर सिंह बादल और अकाली दल नेताओं ने सजा को पूरा भी किया. अकाल तख्त ने सदस्यता अभियान के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई है. कमेटी में अकाली दल के बागी नेता भी शामिल किए गए हैं. 

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