Punjab News: पंजाब में एक बार फिर धर्मांतरण का मुद्दा गरमाने लगा है. जिसके लिए बीजेपी ने राज्य की भगवंत मान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी के प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि मुख्यमंत्री धर्मांतरण के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है कहीं ना कहीं वो इसे एक वोट बैंक के रूप में देखती है.


गरीब और अशिक्षित लोगों को बनाया जा रहा है ईसाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "पंजाब में गरीब हिंदुओं-सिखों को बड़े पैमाने पर ईसाई धर्म में बदला जा रहा है. इसके लिए ईसाई मिशनरी तरह-तरह के ढोंग रचते हैं. वो अपने अंदर ईसा मसीह की आत्मा आने का स्वांग भरते हुए गरीब और अशिक्षित लोगों को ईसाई बना रहे है. सिरसा ने कहा कि 16 दिसंबर को भी चमकौर साहिब में एक ऐसी ही घटना घटी है. जहां गुरु गोविंद सिंह ने धर्म की रक्षा करने के लिए अपने दो साहिबजादों को शहीद करवा दिया. उसी धरती पर अब सिखों को ईसाई बनाने का खेल चल रहा है."


साल 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में खिखों के जनसंख्या जहां 57.69 प्रतिशत है तो हिंदुओं की जनंसख्या 38.49 प्रतिशत है वही पंजाब में ईसाइयों की जनसंख्या केवल 1.26 प्रतिशत है ऐसे में अपनी जनसंख्या बढ़ाने के लिए ईसाइयों द्वारा गरीब सिखों और हिंदुओं को ईसाई धर्म में शामिल किया जा रहा है.


पंजाब में बढ़ी चर्च की संख्या
सिरसा ने दावा किया है कि पंजाब में धर्म परिवर्तन का असर यह है कि प्रदेश में ईसाइयों के चर्च की संख्या बढ़ती जा रही है. पाकिस्तान से सटे बॉर्डर इलाकों में यह चर्च बनाए जा रहे हैं और जहां चर्च नहीं है वहां गिरजाघर बनाए जा रहे हैं. इसकी साथ ही ईसाई धर्म को बढ़ावा देने के लिए दीवारों पर संदेश भी लिखे जा रहे है. पिछले दिनों धर्मांतरण के खिलाफ निहंग सिखों ने भी जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था. वही स्थानीय ईसाई धर्म के लोग इस तरह की किसी भी साजिश से इनकार करते हैं.


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