Punjab Politics: पंजाब में रहने के दौरान माफिया मुख्तार अंसारी पर खर्च किए गए पैसों को लेकर पंजाब की राजनीति गरमा गई है. पिछली कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए सोमवार को चंडीगढ़ में सीएम भगवंत मान ने कहा कि गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को यहां (पंजाब की जेल में) दो साल रखा गया उसकी सेवा में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए. 55 लाख उसके वकीलों की फीस है. उस पर खर्च हुए पैसों का बिल हम सरकारी खजाने से क्यों देंगे. ये पैसे वो मंत्री भरे जिसने मुख्तार के साथ यारी-दोस्ती निभाई.


'यारी दोस्ती निभाने के लिए सरकारी खजाने को लगाया गया चूना'
उन्होंने कहा कि यारी दोस्ती निभाने के लिए सरकारी खजाने को चूना लगाया गया. सीएम मान ने कहा कि  उसे यहां रखने के लिए साइन किसने किये? ये पैसा उसी को भरना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंसारी के वकीलों का पैसा उसी नेता से लिया जाना चाहिए जिसने गैंगस्टर अंसारी को यहां बुलाने के लिए साइन किए.  उन्होंने कहा कि हम इस बात पर कोर्ट जाएंगे कि ये पैसे रिकवर कैसे करें. सरकारी खजाने से ये पैसा मैं नहीं दूंगा.


कैप्टन अमरिंदर ने किया पलटवार
भगवंत मान के आरोपों पर कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि भगवंत मान को सिर्फ 9 महीने का तजुर्बा है मैंने 9 साल सरकार चलाई है. जब किसी केस में पुलिस की जांच होती है तो जांच अधिकारी का अधिकार होता है कि वो अपराधी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आ सकते हैं फिर चाहे वो अपराधी तिहाड़ जेल में हो या देश की किसी और जेल में. उन्होंने कहा कि ट्रांजिट रिमांड के दौरान उसकी जांच पर पैसा खर्च होता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि लारेंस बिश्नोई को बठिंडा की जेल में 10 दस साल हो गए, उस पर भी तो पैसा खर्च हो रहा है. कैप्टन सिंह ने कहा कि ये सब कुछ सिस्टम के तहत होता है, ये कोई नई चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएम मान को बोलने से पहले सोच समझ कर बोलना चाहिए.


क्या है मामला
बता दें कि पंजाब की रोपड़ जेल में बंद यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी पर खर्च हुए 55 लाख रुपए का बिल चुकता करने के लिए जेल विभाग ने सीएम मान को फाइल भेजी थी, सीएम मान ने इस बिल को भरने से इंकार कर दिया, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है.


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