Punjab News: पंजाब में मौसम के अचानक बदले मिजाज और लगातार बढ़ रही ठंड व घनी धुंध के बीच स्कूलों के समय को लेकर एक अहम मांग सामने आई है. कर्मचारी एकता संघर्ष कमेटी ने राज्य सरकार और फाजिल्का के डिप्टी कमिश्नर से स्कूलों के समय में बदलाव करने की अपील की है. उनका कहना है कि मौजूदा हालात में बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए.
शिक्षकों की रोजाना आवाजाही बनी चिंता
कर्मचारी एकता संघर्ष कमेटी के नेताओं दविंदर ढिल्लों, कुलदीप सिंह सभरवाल, बलविंदर सिंह, जगनंदन सिंह, परमजीत सिंह सोरेवाला, इंकलाब सिंह गिल, सुरिंदर कंबोज, गुरमीत सिंह ढाबा और हरजिंदर सिंह धारीवाल ने बताया कि फाजिल्का जिले के कई अध्यापक पंजाब के अन्य जिलों में सेवाएं दे रहे हैं. इसके अलावा, कई शिक्षक रोजाना नजदीकी जिलों में आना-जाना करते हैं.
उन्होंने कहा कि सुबह के समय घनी धुंध के कारण सड़क पर दृश्यता बहुत कम हो जाती है. बीते सालों में इसी वजह से कई भयानक सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें शिक्षकों को नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में स्कूलों का समय बदलना बेहद जरूरी हो गया है. कमेटी के नेताओं ने कहा कि ठंड और धुंध के कारण बच्चों को सुबह-सुबह स्कूल पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
बच्चों की सुरक्षा और सेहत का सवाल
छोटे बच्चों पर इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ता है. कई बच्चे सर्दी, खांसी और बुखार की चपेट में आ जाते हैं. ऐसे में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल समय में बदलाव किया जाना चाहिए. कर्मचारी एकता संघर्ष कमेटी ने मांग की है कि मौजूदा मौसम को देखते हुए स्कूलों के खुलने का समय सुबह 10 बजे किया जाए. उनका कहना है कि इससे न सिर्फ बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि सड़क हादसों की आशंका भी कम होगी.
इस मौके पर अमनदीप सिंह, धर्मिंदर गुप्ता, सुखविंदर सिंह सिद्धू, अशोक सरारी, सुनील गांधी, अमन बराड़, सतेंद्र सचदेवा, दिलीप सिंह सैनी, निशांत अग्रवाल, सुखविंदर गांधी सहित कई अन्य नेता भी मौजूद रहे. सभी ने एकजुट होकर सरकार से जल्द फैसला लेने की मांग की है, ताकि किसी भी घटना से बचा जा सके.