किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती किसानी के काम आसान करने के लिए पंजाब में मान सरकार बड़े स्तर पर काम कर रही है. पंजाब में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का जोर भूजल संरक्षण और जल संचयन प्रणाली के पुनर्भरण पर है.
पंजाब में पहली बार, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भूजल संरक्षण और जल स्तर को बढ़ाने के लिए एकीकृत प्रांतीय जल योजना के हिस्से के रूप में 14 सूत्री कार्य योजना को मंजूरी दी है.
पंजाब में 14 सूत्री कार्य योजना को मंजूरी
इस योजना के तहत मान सरकार तकरीबन 15,79,379 हेक्टेयर क्षेत्र में पारंपरिक सिंचाई विधियों के जगह जल-बचत तकनीकों जैसे ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई को प्रोत्साहित करेगी ताकि जल दक्षता बढ़ाकर पानी की मांग और बर्बादी को कम किया जा सके.
इसके साथ ही खुले राजवाहों के बजाय पाइपलाइन के माध्यम से सिंचाई, लिफ्ट सिंचाई के माध्यम से तालाबों के पानी का सदुपयोग. चेक डैम और नए तालाबों का निर्माण जैसे काम शामिल हैं.
इसके साथ ही इस योजना में बाढ़ मॉडलिंग और मैपिंग, फ्लड प्लेन जोनिंग और सार्वजनिक भागीदारी के लिए अनुसंधान और अध्ययन किए जाएंगे. राज्य में बांस के पौधे लगाने, वेटीवर घास लगाने और जल स्रोत नियंत्रण जैसे कार्य भी प्रस्तावित किए गए हैं.
पंजाब में भूजल स्तर बढ़ाने की पहल
पंजाब में भूजल स्तर की स्थिति चिंताजनक है. राज्य के 153 में से 115 ब्लॉकों में अत्यधिक भूजल निकाला जा रहा है. इस स्थिति से निपटने के लिए मान सरकार पंजाब में नहरी जल के उपयोग को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है.
इसके लिए भूजल की मांग को कम करके, सिंचाई तकनीकों में सुधार करके, भूजल स्तर में सुधार और कृत्रिम रूप से भूजल पुनर्जनन में वृद्धि को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
63,000 किलोमीटर राजवाहों का पुनर्जनन
पंजाब सरकार सतही जल के संरक्षण और सदुपयोग के लिए बुनियादी ढांचे के विस्तार और बहाली के लिए खूब काम कर रही है.
मान सरकार ने पंजाब में 30-40 वर्षों से बंद पड़े लगभग 63,000 किलोमीटर राजवाहों को पहले ही पुनर्जनन कर दिया है.
इसके अलावा, 30-40 वर्षों से बंद पड़ी 545 किलोमीटर लंबी 79 नहरों को भी पुनर्जनन किया गया है. मान सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रत्येक टेल पर पड़ने वाले उपभोक्ता तक पानी पहुंचे.
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