सड़क दुर्घटना में घायलों को नया जीवन दे रही सड़क सुरक्षा फोर्स एसएसएफ
सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और इलाज के अभाव में होने वाली मौतों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने बीते वर्ष जून में सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ) का गठन किया था.
Punjab Government: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सर्वांगीण विकास के पथ पर तेजी से बढ़ रहा है. मान सरकार की नीतियों और कार्यों से पंजाब की बड़ी आबादी को सहूलियत मिली है.
राज्य में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट में शानदार सुधार आया है. सड़क सुरक्षा के लिए नीति बनने से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि पर रोकथाम लगी है. मान सरकार द्वारा गठित 'सड़क सुरक्षा फोर्स' से यह संभव हुआ है. सड़क सुरक्षा फोर्स ने पंजाब में सैकड़ों जिंदगियां बचाई हैं.
सड़क सुरक्षा फोर्स
सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और इलाज के अभाव में होने वाली मौतों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने बीते वर्ष जून में 'सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ)' का गठन किया था. मुख्यमंत्री जी ने नई हाईटेक गाड़ियों के साथ इस अभियान को हरी झंडी दिखाई. यह गाड़ियां हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट के साथ मुसीबत में जरूरतमंदों की मदद भी कर रही हैं. पंजाब देश का पहला राज्य है, जहां सड़क दुर्घटना रोकने और घायलों की मदद के लिए अलग से फोर्स का गठन किया गया है.
इस तरह काम करती है एसएसएफ
पंजाब में शुरू हुई सड़क सुरक्षा फोर्स के पास सभी आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित हाईटेक गाड़ियां हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए इसमें तकरीबन 5,000 कर्मी तैनात हैं, जो हर 30 किलोमीटर पर सड़कों पर बने प्वाइंट पर मौजूद हैं. किसी भी हादसे की सूचना मिलते ही यह कर्मी 5 से 7 मिनट में संबंधित स्थल पर पहुंच जाते हैं. सबसे पहले घायलों को प्राथमिक उपचार दिया जाता है. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर अस्पताल ले जाया जाता है.
आंकड़ों की मानें तो एसएसएफ के सड़कों पर आने के बाद पंजाब पुलिस के थाना प्रभारियों व जनरल पुलिस पर बोझ कम हुआ है. पहले सड़क हादसों में एक दिन में 15 से 18 मौतें होती थी. लेकिन अब यह आंकड़ा एक से दो तक पहुंच गया है. ट्रैफिक व्यवस्था में मान सरकार ने क्रांतिकारी बदलाव किया है. पंजाब पुलिस की ओर से सुधार के लिए नए कदम उठाए जा रहे है. अब एसएसएफ की ओर से सड़कों पर तेज रफ्तार और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है.
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