पंजाब में बाढ़ राहत राशि पर केंद्र सरकार के ऐलान पर राज्य में घमासान मचा है. इस बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार (12 सितंबर) को कहा कि राज्य को 12 हजार करोड़ रुपये नहीं मिले हैं और आम आदमी पार्टी सरकार में राज्य को अब तक सिर्फ 1582 करोड़ रुपये SDRF से मिले हैं, जिसमें से 649 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.
दरअसल पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया था और 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी के नेता 12 हजार करोड़ रुपये का झूठ बोल रहे हैं जबकि ये राशि राज्य को मिली ही नहीं है.
अधिकारियों को निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सारे जिलों के डेप्युटी कमिश्नर से वीडियो कांफ्रेंसिंग से मीटिंग हुई है, जिसमें हिदायतें दी गई हैं कि 30 से 40 दिनों में बाढ़ से हुए नुकसान की गिरदावरी (नुकसान के सर्वे) पूरी की जाए ताकि दिवाली से पहले प्रभावित लोगों को मुआवजा दे दिया जाए. गिरदावरी की रिपोर्ट के बाद लोगों को एक हफ्ते का समय आपत्तियां दर्ज कराने के लिए दिया जाएगा.
किसानों को लेकर क्या बोले सीएम?
पंजाब कैबिनेट ने किसानों को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ घरों को हुए नुकसान के लिए कम से कम 40 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा जबकि SDRF में मात्र 6800 रुपये का प्रावधान है. इसके अलावा पशुधन के हुए नुकसान के लिए 37500 प्रति पशु मुआवजा दिया जाएगा.
राज्य में बाढ़ से 55 मौतें हुई हैं जिनमें से 42 को मुआवजा मिल चुका है. मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में भी लगभग 48 करोड़ रुपये आए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी अधिकारी ने बाढ़ राहत कामों में सुस्ती की या कोई गलत काम किया तो सख्त कार्यवाही की जाएगी.
मान ने कहा कि विपक्षी दल बाढ़ जैसी आपदा में भी राजनीति कर रहे हैं और कहते हैं कि मुख्यमंत्री बाढ़ लेकर आए हैं तो क्या हिमाचल प्रदेश में बारिश भी मैंने ही कराई है. इसमें भी राजनीति करते हैं. मान ने कहा कि जिन खेतों में मिट्टी भर गई है वहां डिसिल्टिंग के लिए जिला प्रशासन मशीनें मुहैया कराएगा.