Punjab News: पंजाब में विभिन्न किसान संगठनों (Farmers Organisation) के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को तीन दिवसीय 'रेल रोको' (Rail Roko) विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की. इसके साथ ही वे रेल की पटरियों पर बैठ गए. किसान हाल ही में आई बाढ़ से हुए नुकसान के लिए वित्तीय पैकेज, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की वैध गारंटी और कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार के खिलाफ यह प्रदर्शन 30 सितंबर तक जारी रहेगा. उधर, फरीदकोट के किसानों ने भी चक्का जाम किया है जिससे फिरोजपुर कैंट की कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं.
फिरोजपुर केंट रेलवे स्टेशन पर गुरुवार किसान मजदूर संघर्ष कमेटी और उनके साथ 18 किसान जत्थेबंदियों ने ट्रेनों का चक्का जाम कर दिया है. उधर, किसानों ने गुरदासपुर-बटाला के बीच भी धरना दिया है.
ये ट्रेनें हुई हैं प्रभावित
जिन रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ है उनमें जालंधर से फिरोजपुर जाने वाली ट्रेन, फाजिल्का से फिरोजपुर जाने वाली गाड़ी संख्या 04628, लुधियाना से फिरोजपुर जाने वाली गाड़ी संख्या 04997, जींद से फिरोजपुर आने वाली 14027, फिरोजपुर से जालंधर जाने वाली गाड़ी संख्या 06966, फिरोजपुर से लुधियाना जाने वाली 04998, फिरोजपुर से फाजिल्का जाने वाली 06989, फिरोजपुर-लुधियाना एक्सप्रेस, फिरोजपुर बठिंडा पैंसेजर (01612) और जींद-फिरोजपुर पैंसेजर (14027) शामिल है.
इन शहरों में भी चल रहा प्रदर्शन
बता दें कि किसानों ने मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरणतारण, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, भठिंडा और अमृतसर में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है. अमृतसर में किसान, देवीदासपुरा में अमृतसर-दिल्ली रेल पटरी पर बैठे हुए हैं. इस प्रदर्शन में किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारती किसान यूनियन (भाकियू-क्रांतिकारी), भाकियू (एकता आजाद), आजाद किसान समिति दोआबा, भाकियू (बेहरामके), भाकियू (शहीद भगत सिंह) और भाकियू (छोटू राम) सहित कई किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं.
50 हजार करोड़ के राहत पैकेज की मांग
अमृतसर में किसान नेता गुरबचन सिंह ने कहा कि किसान, उत्तर भारतीय राज्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों के मुताबिक एमएसपी की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों का पूरा कर्ज माफ होना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने तीन कृषि कानूनों (जिन्हें अब निरस्त कर दिया गया है) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनमें से प्रत्येक के परिवार को 10 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी की मांग भी की.