पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने राज्य में पार्टी नेतृत्व के बंटे होने की खबरों को पूरी तरह नकार दिया है. शनिवार को जारी बयान में उन्होंने साफ कहा कि पंजाब कांग्रेस एकजुट है और इसका सबसे बड़ा सबूत तरनतारन उपचुनाव में दिखा.

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कांग्रेस को तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में बेहद निराशाजनक नतीजे मिले. पार्टी उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) के हरमीत सिंह संधू ने भारी अंतर से जीत दर्ज की. इन नतीजों के अगले ही दिन वडिंग ने बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस ने वहां सभी तरह की मुश्किलों का डटकर सामना किया.

वडिंग ने बताया कि तरनतारन सीट पर बड़ी संख्या में पंथिक वोटर हैं और पिछले कई दशकों में कांग्रेस को यहां सिर्फ एक बार जीत मिली है. उन्होंने कहा कि स्थानीय परिस्थितियां पार्टी के खिलाफ थीं, लेकिन फिर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर पूरी ताकत झोंक दी.

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प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप

राजा वडिंग ने उपचुनाव के दौरान प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को वहां ‘शत्रुतापूर्ण’ प्रशासन का सामना करना पड़ा और पुलिस “निर्लज्जता से सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार का पक्ष ले रही” थी. वडिंग के मुताबिक, ऐसे माहौल में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिम्मत नहीं हारी.

उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, “एक भी ऐसा नेता बताइए जिसने तरनतारन में पार्टी के लिए प्रचार नहीं किया हो.” वडिंग का कहना है कि संगठन के सभी नेता ग्राउंड पर सक्रिय थे और यह बात साबित करती है कि पार्टी में कोई बंटवारा नहीं है.

2027 की बड़ी लड़ाई की तैयारी

राजा वडिंग ने संकेत दिए कि कांग्रेस अब पूरे पंजाब में अपनी रणनीति नए सिरे से देखेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी सिर्फ तरनतारन नहीं, बल्कि पूरे राज्य में सभी पहलुओं का विश्लेषण करेगी, क्योंकि 2027 के विधानसभा चुनाव उनकी बड़ी लड़ाई हैं.

कांग्रेस नेतृत्व के टूटने की चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि यह हमेशा चुनाव से पहले कांग्रेस को लेकर फैलाई जाने वाली पुरानी कहानी है. वडिंग ने दोहराया कि पंजाब कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है और आने वाले चुनावों में मजबूती से लड़ने के लिए तैयार है.