पंजाब की आप सरकार ने अब एक बड़ा फैसला लिया है. पंजाब विधानसभा में भर्ती घोटाले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलतार संधवान इसकी जांच करेंगे. इस जांच में पंजाब सरकार के मंत्री हरजोत बैंस की शिकायत को आधार बनाया जाएगा. आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले भी इस मुद्दो को उठाया था और आप नेता हरजोत बैंस ने पंजाब विधानसभा भर्ती के घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विधानसभा में पूर्व अध्यक्ष राणा केपी समेत कांग्रेसियों के करीबी लोगों की भर्ती की गई थी.
हालांकि अब पंजाब सरकार ने पिछले पांच साल में हुई भर्ती की जांच करने के आदेश दे दिए हैं. इस पर पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि उन्हें पर्यटन खनन एवं भूविज्ञान मंत्री हरजोत सिंह बैंस से शिकायत मिली है. अब इस भर्ती की अवैधता की जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी. पंजाब सरकार ने कांग्रेस के शासन के पिछले पांच सालों में पंजाब विधानसभा में 154 लोगों की भर्ती की जांच का आदेश दिया है. बताया जाता है कि पंजाब विधानसभा के पूर्व स्पीकर राणा केपी सिंह की सिफारिश पर अधिकतम लोगों की भर्ती की गई थी, जिसमें उनकी भतीजी रुचि राणा भी शामिल थी, जिन्हें क्लर्क नियुक्त किया गया था.
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इसके साथ ही अन्य मंत्री और यहां तक कि विधानसभा के कर्मचारी भी लोगों को नौकरियों के लिए सिफारिश करने और उन्हें पंजाब विधानसभा में नियुक्त करने में पीछे नहीं थे. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार इस शिकायत में पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, पूर्व सचिव शशि लखपाल मिश्रा और हाल ही में नियुक्त हुए पीसीसी प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग के नाम का जिक्र है. इसके साथ ही चंडीगढ़ से कांग्रेस के पूर्व सांसद पवन बंसल पर भी आरोप है कि उन्होंने अपने जानकारी के व्यक्ति को विधानसभा में नौकरी दिलाई है.