Haryana News: गीतिका शर्मा सुसाइड केस में हलोपा विधायक गोपाल कांडा को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बरी करने का फैसला सुनाया है. कांडा के बरी होने के साथ ही बीजेपी उनपर नजरें गड़ाए हुए है. क्योंकि इनेलो औऱ जेजेपी के गढ़ में कांडा ही एकमात्र विधायक है जो सिरसा लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी को फायदा पहुंचा सकते है. यानि अब बीजेपी हलोपा का अपनी पार्टी में विलय कराने का प्रयास भी करेगी. इससे पहले बीजेपी गीतिका शर्मा केस की वजह से कांडा से समर्थन लेने में हिचक रही थी. अब वो वजह भी खत्म हो गई है. 


क्या हलोपा का बीजेपी में होगा विलय
गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा पहले ही बीजेपी ज्वाइन कर चुके है वो ऐलनाबाद से उपचुनाव भी लड़ चुके है. ऐसे में गोपाल कांडा कुछ दिन पहले ही प्रदेश बीजेपी प्रभारी बिप्लब देव से मुलाकात कर बीजेपी सरकार को समर्थन देने की बात कह चुके है. लेकिन अब बीजेपी चाहगी कि वो अपनी हलोपा का ही बीजेपी में विलय कर दें. लेकिन कांडा भी राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी माने जाते है वो हलोपा का बीजेपी में विलय शायद नहीं करेंगे. क्योंकि एनडीए के घटक दलों में उनकी पार्टी भी शामिल है. बीजेपी में विलय के सवाल पर अभी कांडा की तरफ से इनकार नहीं किया गया है लेकिन उनकी तरफ से ये जरूर कहा गया है कि वो जल्द बैठक करके अपनी पार्टी का विस्तार करेंगे. वही सूत्रों की माने तो बीजेपी अगर मंत्रिमंडल विस्तार करती है तो कांडा को कोई मंत्री पद भी सौंपा जा सकता है. क्योंकि बीजेपी हर हाल में सिरसा में खाता खोलना चाहेगी. 


खत्म हो सकता था गोपाल कांडा का कैरियर
गीतिका शर्मा सुसाइड केस में कांडा के पक्ष में आए फैसले ने उनकी राजनीतिक राहें अब आसान कर दी है. अब वो किसी भी दल में जाकर अपनी पार्टी के दम पर सियासी दांव खेल सकते है. गीतिका केस की वजह से बीजेपी ने उन्हें दरकिनार कर रखा था. अब वो भी उनका समर्थन ले सकती है. 11 साल बाद उनके माथे से गीतिका शर्मा केस का दाग हट चुका है लेकिन अगर ये फैसला उनके हक में नहीं आता तो कांडा का राजनीतिक कैरियर खत्म हो सकता था. 


चौटाला परिवार के गढ़ माना जाता है सिरसा
सिरसा जिले को चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता है. बीजेपी के लिए ये क्षेत्र सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि इनेलो और जेजेपी का यहां दबदबा है. इनेलो की वजह से ही बीजेपी यहां 27 साल से जीत नहीं पाई है.


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