पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम द्वारा 26/11 के हमलों के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई न करने को विदेशी दबाव का कारण बताने वाले बयान पर, कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि हमने हमेशा पाकिस्तान को जवाब दिया है. 

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उन्होंने कहा कि '1947 से लेकर आज तक, कांग्रेस पार्टी हमेशा से स्पष्ट रही है कि हम पाकिस्तान के साथ भारत की बातचीत में किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसी वजह से, 26/11/2008 के हमले के बाद पाकिस्तान पर हमला क्यों नहीं किया गया, यह सवाल ही नहीं उठना चाहिए. आप पूछ सकते हैं कि इसके बाद पाकिस्तान को निशाना क्यों नहीं बनाया गया. अलग-अलग समय पर अलग-अलग फैसले लिए जाते हैं, और एक स्थिति की सीधे तौर पर दूसरी स्थिति से तुलना नहीं की जा सकती.'

बसंल ने कहा कि इस हमले के बाद, भारत ने अपनी तैयारियों और खुफिया प्रयासों को मजबूत किया, जिससे उसका रुख और मजबूत हुआ. हालाँकि हमारा हमेशा से सभी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का लक्ष्य रहा है, हमने उस समय स्पष्ट रूप से कहा था कि पाकिस्तान भारत में आतंकवाद फैला रहा है, और हम इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करते. तब से, जब भी ज़रूरत पड़ी, हमने पाकिस्तान को उचित जवाब दिया है.'

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चिदंबरम के बयान पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा

बीते दिनों एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए पी. चिदंबरम ने उस समय की चुनौतियों और भारत की कूटनीतिक रणनीति पर चर्चा की थी. पॉडकास्ट में उन्होंने 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया था.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने खुलासा किया था कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद वे पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे, लेकिन अंत में उन्हें इससे मना कर दिया गया. एबीपी न्यूज की पॉलिटिकल एडिटर मेघा प्रसाद के पॉडकास्ट 'इनसाइड आउट' में चिदंबरम ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव की भूमिका का खुलासा किया.चिदंबरम ने पॉडकास्ट में खुलासा किया कि वैश्विक कूटनीतिक दबाव (खासकर अमेरिका के दबाव) ने भारत के रुख को प्रभावित किया.

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उनकी टिप्पणी पर जहां एक ओर सत्ताधारी पक्ष के नेताओं ने चिदंबरम के बयान को तत्कालीन यूपीए सरकार की कमजोर नीतियों का नतीजा बताया, वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जानबूझकर पी. चिदंबरम के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है.

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मामले में चिदंबरम का समर्थन करते हुए कहा कि जानबूझकर विपक्षी नेताओं के बयानों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा, यह राजनीतिक साजिश है. 26/11 के समय यूपीए सरकार ने कड़ा रुख अपनाया था और पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव बनाया था.बता दें कि 26/11 मुंबई हमला भारत के इतिहास में एक दुखद अध्याय है. इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने 166 लोगों की जान ली और सैकड़ों को घायल किया. उस समय पी. चिदंबरम तत्कालीन यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री थे.