Haryana: हरियाणा की एक अदालत ने नूंह हिंसा (Nuh Violence) मामले में मोनू मानेसर को सोमवार को जमानत दे दी. मानेसर के वकील कुलभूषण भारद्वाज ने बताया कि उसे एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई. भारद्वाज ने कहा कि नूंह के न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमित कुमार वर्मा की अदालत ने जमानत दी. हालांकि, मोनू मानेसर (Monu Manesar) गुरुग्राम के पटौदी में एक अन्य मामले के सिलसिले में अब भी न्यायिक हिरासत में है.


नूंह हिंसा मामले में हुई थी गिरफ्तारी


अधिकारियों ने बताया कि उसे नूंह हिंसा (Nuh Violence) के मामले में 12 सितंबर को मोनू मानेसर को गिरफ्तार किया गया था. नूंह पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर उस संदेश से संबंधित है, जिसे उसने कथित तौर पर विश्व हिंदू परिषद की पहले विरुद्ध की गयी यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए 28 अगस्त को एक और जुलूस निकालने की योजना के बीच सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. नूंह पुलिस ने पहले कहा था कि इस पोस्ट के माध्यम से समूहों के बीच धर्म के आधार पर वैमनस्य पैदा करने की कोशिश की गई है.


शोभायात्रा की भीड़ पर हुआ था हमला


गत 31 जुलाई को नूंह में विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में निकाली जा रही एक धार्मिक शोभायात्रा पर भीड़ ने हमला कर दिया था. इस घटना और उसके बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा में छह लोग मारे गए थे. इसके बाद गुरुग्राम की एक मस्जिद पर हुए हमले में एक मौलवी की मौत हो गई. हरियाणा के गुरुग्राम में पटौदी की एक अदालत ने बुधवार को बजरंग दल कार्यकर्ता मानेसर को ‘हत्या के प्रयास’ के एक मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. राजस्थान की एक जिला अदालत ने एक दोहरे हत्याकांड में पिछले महीने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. वहीं राजस्थान पुलिस ने दो मुस्लिम युवकों नासिर और जुनैद की हत्या के मामले में फरवरी में मानेसर के खिलाफ मामला दर्ज किया था.


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