Haryana News: नूंह हिंसा के बाद हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया गया. जिसमें बताया गया कि अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई धर्म के आधार पर नहीं हुई है. इनमें से 30 प्रतिशत इमारतें हिंदुओं की भी थी. बुलडोजर की कार्रवाई से पहले कोई कोई जातिगत या धार्मिक सर्वे नहीं हुआ था. वहीं गुरुग्राम में हटाए गए 100 फीसदी अवैध अतिक्रमण हिंदुओं के ही थे. इसके अलावा जिन लोगों के भी निर्माण हटाए गए उनसे पहले उनको नोटिस भी दिया गया था.
इन विभागों ने हटाए अवैध निर्माणआपको बता दें कि शुक्रवार को हरियाणा सरकार मुख्य न्यायाधीश रविशंकर झा व जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ के समक्ष पहुंची लेकिन पीठ ने इसे रजिस्ट्री में दाखिल करने का आदेश जारी कर दिया. सरकार की तरफ से बताया गया कि सब अवैध निर्माण कोर्ट व एनजीटी के आदेश के तहत ही गिराए गए हैं. इसके अलावा यह भी बताया गया कि अवैध अतिक्रमण सरकार के किसी एक विभाग ने नहीं बल्कि शहरी विकास प्राधिकरण, स्थानीय निकाय और नगर निगम ने मिलकर हटाया है.
7 अगस्त तक गिराए गए 443 निर्माणआपको बता दें कि मेवात में 79.20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है तो वही 20.37 प्रतिशत आबादी हिन्दुओं की है. सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई में 7 अगस्त तक 443 निर्माण गिराए गए, जिसमें करीब 354 लोग प्रभावित हुए प्रभावित लोगों में 281 मुस्लिम तो 71 हिंदू थे. सरकार के आंकड़े बताते है कि धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इन आंकड़ों के साथ तैयार जवाब को अब हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री में दाखिल करने का आदेश जारी किया है.
शुक्रवार को नूंह हिंसा की कई अर्जियों पर सुनवाई होनी थी. ऐसे में जब केस सुनवाई का समय आया तो कोर्ट का समय समाप्त होने वाला था जिसको लेकर हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट को बताया उनका जवाब तैयार है ऐसे में कोर्ट रिकॉर्ड लेने से मना करते हुए रजिस्ट्री के जरिए जवाब दाखिल करने के लिए कहा.