Gurugram News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायलय ने रिश्वत लेने के मामले में अहम फैसला सुनाया है. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सिंघल ने एक लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले लाइमैन को दोषी ठहराते तीन साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा अदालत ने दोषी लाइनमैन पर एक हजार रुपये का जुर्मान भी लगाया है. लाइनमैन ने बिजली बिल सेटलमेंट कराने के नाम पर यह रकम उपभोक्ता से वसूल की थी.


जानकारी के अनुसार जिले के गांव खलीलपुर निवासी विवेक ने सनसिटी सेक्टर-54 जी-ब्लॉक में ध्रुव कटारिया का मकान पीजी चलाने के लिए किराए पर लिया था. नवंबर- दिसंबर 2019 में उनका बिजली का बिल 2 लाख रुपये से ज्यादा आया. वह बिजली का बिल नहीं भर पाये तो विभाग ने 10 जनवरी 2020 को उनका मीटर उतार लिया. इसके बाद वह बिजली बिल भरने के लिए एसडीओ साउथ सिटी कार्यालय गए. यहां उन्हें पवन प्रधान नाम का लाइनमैन मिला, जिसने उनका बिजली का बिल कम कराकर सेटलमेंट कराने का दावा किया. इसके लिए उसने डेढ़ लाख रुपये मांगे.


पैसे लेने के बाद नहीं लगवाए मीटर
इस सौदेबाजी के दौरान वह 1 लाख 20 हजार रुपये लेने पर सहमत हो गया. बिजली उपभोक्ता ने लाइनमैन पवन को 90 हजार रुपये की राशि उसी समय अदा कर दी और 30 हजार रुपये बाद में देने को कहा. पवन ने इन रुपयों की कोई रसीद नहीं दी औप ना ही उपभोक्ता का मीटर लगवाया. पीड़ित से रुपये लेने के बाद वह बहानेबाजी करने लगा और एसडीओ के कार्यालय न आने का बहाना करने लगा. सात महीने बीतने के बाद भी उसने मीटर नहीं लगवाया. कुछ दिन बाद उसने लाइनमैन जय प्रकाश को भेजकर उपभोक्ता के घर बिजली की डायरेक्ट लाइन जोड़वा दी.


शिकायत पर पुलिस ने किया था केस दर्ज
इस मामले में शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच करते हुए आरोपी पवन को गिरफ्तार कर लिया. अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत और गवाह पेश किए उनसे आरोपी पर लगे आरोप साबित हो गए. अदालत ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत लाइनमैन को दोषी ठहराया और उसे तीन साल की कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 


(रिपोर्ट-राजेश यादव)


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