Farmer Protest: तीन कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है. किसान की मांग है कि सरकार को आंदोलन के दौरान उन पर दर्ज किए गए केस वापस लेने चाहिए. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के खिलाफ दर्ज केसों पर बड़ा बयान दिया है. मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कृषि कानूनों का समाधान होने के बाद केंद्र के निर्देशों के मुताबिक उनकी सरकार किसानों के खिलाफ पुलिस मामलों को वापस लेने पर फैसला करेगी.

खट्टर ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही. उनसे पूछा गया था कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेना राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में हैं और उन्हें इस पर निर्णय करना होगा.

मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि वह केंद्र सरकार के फैसले का पालन करेंगे. खट्टर ने कहा, ''जब इस मुद्दे का समाधान होगा तो उस वक्त केंद्र जो कहेगा, उसके अनुसार हम निर्णय लेंगे.''

किसानों की मांगें हैं कायम

बत्तीस किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर जब तक केंद्र उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करता है और किसानों के खिलाफ मामले वापस नहीं लेता है तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

केंद्र सरकार की ओर से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने वाला बिल लोकसभा और राज्यसभा में पारित करवाया जा चुका है. यह बिल अब राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनके साइन होते ही पिछले साल लागू किए गए तीन कृषि कानून रद्द हो जाएंगे.

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