Punjab News:  चंडीगढ़ जिला अदालत ने पंजाब के फरीदकोट में बेअदबी मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम की अर्जी खारिज कर दी है. राम रहीम ने इस मामले में कोर्ट से सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट समेत कुछ अन्य दस्तावेजों की मांग की थी. लेकिन इस मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम व अन्य के खिलाफ गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले की सुनवाई फरीदकोट कोर्ट से चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दी थी. 


याचिकाकर्ताओं ने बताया था जान का खतरा
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि उनकी जान को खतरा है। इसके बाद केस को ट्रायल के लिए पंजाब से बाहर चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया. उल्लेखनीय है कि बेअदबी मामले के आरोपी प्रदीप सिंह की नवंबर 2022 में कोटकपुरा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद डेरा के अनुयायी सुखजिंदर सिंह, शक्ति सिंह, रणजीत सिंह, निशान सिंह, बलजीत सिंह, रणदीप सिंह और नरेंद्र कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में तबादला याचिका दायर की थी. इसमें आरोपियों ने बेअदबी के तीन मामलों के केस पंजाब से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी. 


सुनारिया जेल में बंद है राम रहीम
आपको बता दें कि साल 2017 में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को साध्वियों से रेप के मामले में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई थी. तब से वह हरियाणा की सुनारिया जेल में अपनी सजा काट रहा है. सीबीआई की पंचकूला अदालत ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में भी डेरा प्रमुख को दोषी ठहराया था. इस मामले में भी उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा डेरा प्रमुख राम रहीम पर एक समारोह के कथित तौर पर गुरु गोबिंद सिंह की नकल करने के आरोप भी लग चुके है. सिखों समुदाय ने उनपर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था. यहीं नहीं डेरा प्रमुख पर साधुओं को नपंसुक बनाने बनाने के भी आरोप लगे थे. साधुओं को ये कहकर नपुसंक बनाया गया कि ऐसा होने से वो लोग प्रभु को महसूस कर सकेंगे.


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