Haryana News: हरियाणा के गुरुग्राम के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण यानि आरटीए विभाग में वाहनों का रजिस्ट्रेशन, परमिट और एनओसी देने के नाम पर अवैध वसूली का बड़ा खेल चल रहा था. आरटीए में तैनात कर्मचारी और अधिकारी ही दलालों के माध्यम से फाइलें पास करवाने के नाम पर इस खेल को अंजाम दे रहे थे. बीते कई सालों से प्राधिकरण में चल रहे इस वसूली के खेल को सीएम फ्लांईग स्क्वाड की टीम ने पर्दाफाश करते हुए तीन दलालों को गिरफ्तार कर लिया और अब पुलिस उन्हें तीन दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. 


प्रारंभिक पूछताछ में एक मुख्य दलाल ने जो खुलासा किया वो चौकाने वाला है यदि उसकी माने तो आरटीए विभाग में तैनात ट्रैफिक इंस्पेक्टर यानि टीआई के कहने पर चल रहा था ये अवैध वसूली का खेल. 


आरटीए विभाग में अवैध वसूली का खेल
डीएसपी सीएम फ्लाईंग इंद्रजीत यादव ने बताया कि प्राधिकरण में चल रहे खेल की कई दिनों से शिकायतें मिल रही थी. इस पर उन्होंने टीम का गठन किया और टीम गुरुग्राम के लघु सचिवालय में पहुंची, वहां पर बने पार्क में बैठे दलाल गौरव, सौभन और सुरेश को डिटेन कर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी. जिसमे दलाल गौरव ने बताया कि प्राधिकरण में वह वीके मोटर न्यू कॉलोनी गुरुग्राम में गाडियों की रजिस्ट्रेशन, परमिट व एनओसी काम काम करता है. ये काम वह बीते छह सालों से कर रहा है जिसके लिए वो प्राधिकरण के कर्मचारियों से लेकर अधिकारीयों को नजराना देता था.


15 दिन में की 50 लाख की अवैध वसूली
दलाल के खुलासे से सीएम फ्लाइंग टीम और पुलिस भी दंग रह गई. क्योंकि आरटीए में महज 15 दिन की अवैध वसूली करीब 50 लाख रुपए थी. गौरव आरटीए कार्यालय गुरुग्राम में तैनात टीआई किशोरी व कंप्यूटर ऑपरेटर पूनम से उसकी बड़ी वाली जान पहचान है. 15 दिन पहले टीआई किशोरी ने गौरव को गाडियों की रजिस्ट्रेशन व एनओसी की फाइल पास करवाने के एवज में अन्य दलालों से टाईअप कर उगाही करने का जिम्मा दिया था. उसने गाडियों की आरसी के एवज में 1500 व बाहर की गाडियों जिनका पता गुरुग्राम से बाहर का है उनका 2900 प्रति गाड़ी निर्धारित किया था. टीआई किशोरी दलाल गौरव को एक सप्ताह में 3000 देता था वही दलाल गौरव 28 अगस्त से 11 सितंबर तक टीआई किशोरी को सात लाख रुपये दे चुका है. गौरव के खुलासे के मुताबिक उसे अभी भी दलालों से 36 लाख 63 हजार 300 रुपये की बकाया राशि की उगाही करनी थी. 


पैसों के लिए नियम और कानून रखे ताक पर  
सरकारी कार्यालय में किस तरह अधिकारी पैसे के लिए नियम और कानून ताक पर रख रहे है इसकी एक बानगी जब देखने को मिली जब गिरफ्तार किए गए दलाल गौरव से पुलिस ने गाडियों की नई आरसी बनवाने, परमिट, एनओसी लेने के लिए जमा करने वाली 21 फाइलें बरामद की, जो टीआई किशोरी द्वारा गाड़ी मालिक और दलालों को देने के लिए कहा था. जबकि नियम अनुसार ये 21 फाइलें विभाग में होनी चाहिए थी. पुलिस ने दलाल गौरव से 40,500 रुपये भी बरामद किए है. दलाल सौभन और सुरेश ने उनके धंधे में शामिल दलाल डिंपी के साथ टीएसआई महिला नीरज के भी नाम उजागर किए हैं.


आरोपियों से पूछताछ में हो सकते है कई खुलासे
सीएम फ्लाइंग टीम द्वारा दलालों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को आरटीए में कोई भी दलाल नहीं आया. पूरा दिन कार्यालय खाली पड़ा रहा. कुछ ही लोग काम करवाने के लिए कार्यालय में पहुंचे. कई दलाल पार्क और चाय की दुकानों पर खड़े रहे. जबकि कुछ के तो शहर छोड़कर चले जाने की भी चर्चा है. सीएम फ्लाइंग टीम के हाथ लगी एक वीडियो क्लिप में भी ये साफ हुआ है कि आरटीए में खुलेआम अवैध वसूली का खेल धड़ल्ले से चल रहा था और पैसे का लेन-देन ऑडियो क्लिप के मुताबिक लघु सचिवालय में बने स्टेट बैंक के एटीएम पर ही होता था. फिलहाल पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है पूछताछ के बाद और भी कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. 


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