Punjab News: पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस पार्टी के सिर्फ 18 उम्मीदवार ही चुनाव में जीत हासिल कर पाए हैं. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) जैसे बड़े चेहरों के हिस्से हार आई है. शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने हार की समीक्षा करने के लिए उम्मीदवारों की बैठक बुलायी.
बैठक शुरू होने से पहले चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि वह हार के पीछे की वजहों का पता लगाने के लिए पार्टी उम्मीदवारों से निजी रूप से मुलाकात करेंगे. पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और पार्टी की पंजाब ईकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी पंजाब कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए हैं. हालांकि, दोनों ने मीडिया से बातचीत करने से इनकार कर दिया है.
बस्सी पठानां विधानसभा सीट से हारने वाले गुरप्रीत सिंह ने चुनावों में पार्टी की करारी हार के लिए चन्नी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया होता तो वह कम से कम 50 सीटों पर जीत जाती.
चन्नी पर फूटा हार का गुस्सा
गुरप्रीत सिंह ने कहा, ''मुख्यमंत्री चन्नी पार्टी की हार की एकमात्र वजह हैं. लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर चन्नी को बिल्कुल पसंद नहीं किया. अगर नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया गया होता तो हम कम से कम 50 सीटें जीत जाते.''
सिद्धू के खुद अपनी अमृतसर पूर्व सीट से हारने पर गुरप्रीत सिंह ने फिर से चन्नी को जिम्मेदार ठहराया. पंजाब के नेता ने कहा कि पंजाब के लोग चन्नी की कैसे सुन सकते हैं जब उनका भाई ही नहीं सुनता. चन्नी के भाई मनोहर सिंह ने गुरप्रीत सिंह के खिलाफ बस्सी पठानां से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था.